केरल के आवारा कुत्तों का बेहद अहम मामला सुन रही सुप्रीम कोर्ट, 28 सितम्बर को देगी आदेश

नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय 28 सितंबर को केरल के आवारा कुत्तों के मामले पर निर्देश और अंतरिम आदेश देने वाला है। कोर्ट ने इसके लिए पक्षकारों से संक्षिप्त में जानकारी देने के लिए कहा है। अदालत ने कुत्तों के हमले की घटना पर टिप्पणी करते हुए राज्य से हल खोजने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव दिया कि रेबीज संक्रमित कुत्तों या क्रूर कुत्तों को अलग-अलग स्थानों पर रखा जा सकता है। 

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने कहा है कि ये इतना भी आसान नहीं होगा, कई आपत्तियां होंगी। रेबीज से संक्रमित या क्रूर कुत्ते जिन्होंने किसी को काटा हो, उन्हें स्थानीय डे केयर सेंटर में रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आप सड़क पर चलने वाले शख्स को कुत्ते द्वारा काटने के लिए नहीं कह सकते, यह स्वीकार्य नहीं है। हमें स्वीकार करना होगा कि ये एक बड़ी समस्या है। उसके बाद अदालत ने वैधानिक और अन्य चीजों को रिकॉर्ड में रखने के लिए और कोर्ट को सटीक स्थिति से अवगत कराने के लिए और वक़्त मांगा। सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को अंतरिम आदेश और निर्देश के लिए मामला सूचीबद्ध कर दिया। पक्षकारों को अंतरिम आदेशों के बारे में सारांश दायर करने की स्वतंत्रता है। 

बता दें कि इस याचिका में केरल में हाल ही में 12 वर्षीय बच्ची को कुत्ते के काटने की घटना का भी उल्लेख किया गया है। जबकि कुत्ते को एंटी रेबीज वैक्सीन लगी हुई थी। वकील ने कहा कि 2016 में शीर्ष अदालत ने उच्च न्यायालय के पूर्व जज की अगुवाई में कुत्तों के काटने से जुड़ीं शिकायतों से निपटने और पीड़ितों को मुआवजा दिलाने के लिए एक कमेटी गठित की थी। वकील वीके बीजू ने अदालत में बताया कि पिछले 5 वर्षों में 10 लाख लोगों को कुत्तों ने काटा है।  

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