नई दिल्ली: सर्वोच्च न्यायालय आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' के खिलाफ केंद्र सरकार की याचिका पर 15 नवंबर को सुनवाई करेगा. केंद्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के उल्लंघन में एक समानांतर PDS चलाने की कोशिश है, जिसका लाभार्थियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. केंद्र ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 'मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना' को लागू करने की इजाजत देने के आदेश को चुनौती दी है. केंद्र ने कहा है कि HC ने दिल्ली सरकार की योजना के हानिकारक प्रभाव पर केंद्र का पक्ष सुने बगैर योजना को लागू करने की इजाजत दी है. ये योजना जरूरतमंदों को राशन वितरण पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ है. केंद्र सरकार ने अपनी याचिका में कहा कि, इसका सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव "एक राष्ट्र एक राशन कार्ड" योजना के कार्यान्वयन पर होगा, जिसे केंद्र द्वारा प्रवासी श्रमिकों को लाभान्वित करने के लिए आरंभ किया गया था. इस योजना के तहत लोग देशभर में कहीं भी राशन की दुकानों से बायोमेट्रिक से राशन हासिल कर सकते हैं. यही नहीं केंद्र ने AAP सरकार पर राशन की दुकानों पर ePOS मशीनें लगाने और 'एक राष्ट्र एक राशन कार्ड' योजना को लागू करने में नाकाम रहने का भी इल्जाम लगाया है. केंद्र सरकार का कहना है कि दिल्ली सरकार अब इन मामलों में अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए अब NFSA के उल्लंघन में एक नई योजना शुरू करने की कोशिश कर रही है. सलमान खुर्शीद की किताब पर लगेगा बैन ! आतंकी संगठनों से की थी हिंदुत्व की तुलना 'प्रियंका गांधी के खिलाफ लड़ सकती हूँ चुनाव ..', इस एक्ट्रेस ने दी कांग्रेस को चुनौती पंजाब चुनाव: AAP ने जारी की उम्मीदवारों की पहली सूची, इन 10 विधायकों पर खेला दांव