नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए लाई गई नई अग्निपथ योजना के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने तारीख मुक़र्रर कर दी है। कोर्ट ने इन अर्जियों पर 15 जुलाई यानी शुक्रवार को सुनवाई करने का निर्णय लिया है। न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ इन पर सुनवाई करेगी। बता दें कि अग्निपथ योजना के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें से कुछ में इसके नोटिफिकेशन को ही निरस्त करने की मांग की गई है। वहीं एक याचिका में इस योजना को लागू करने से पहले एक पैनल का गठन कर उसकी राय लेने की मांग भी की गई है। गत माह इस योजना का देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक विरोध देखने को मिला था। खासतौर पर यूपी, बिहार, हरियाणा, राजस्थान और तेलंगाना जैसे राज्यों में तो उग्र प्रदर्शन हुए थे और प्रदर्शनकारियों ने करोड़ों की सार्वजनिक संपत्ति फूंक डाली थी। 5 जुलाई को भी अग्निपथ स्कीम के खिलाफ एक और याचिका शीर्ष अदालत में दाखिल की गई थी। यह अर्जी पूर्व सैनिक रविंद्र सिंह शेखावत ने दाखिल की है। उन्होंने अपनी याचिका में कहा था कि अग्निपथ योजना के लिए रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी किया गया नोटिफिकेशन अवैध, असंवैधानिक है। इसके साथ ही यह संविधान में दिए गए अधिकारों का भी हनन करती है। खासतौर पर उन अभ्यर्थियों को लेकर इस याचिका में सवाल किया गया था, जो पहले से जारी भर्ती स्कीम का हिस्सा हैं और उन्हें अब नए सिरे से इसमें अप्लाई करना होगा। अग्निपथ के तहत आवेदनों ने तोड़े रिकॉर्ड :- बता दें कि, भारी विवादों और विरोध प्रदर्शनों के बीच भी भारतीय वायुसेना में अग्निपथ योजना के तहत रिकॉर्डतोड़ आवेदन प्राप्त हुए हैं। कुल 7.5 लाख युवाओं ने इस योजना के तहत वायुसेना में शामिल होने के लिए अर्जियां दी हैं। बता दें कि केंद्र द्वारा अग्निपथ योजना आरंभ किए जाने के 10 दिन बाद यानी 24 जून को पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। भारतीय वायु सेना के मुताबिक, किसी भी भर्ती प्रक्रिया में सर्वाधिक आवेदन 6,31,528 थे, जो इस साल अग्निपथ योजना के तहत आगे निकल गए हैं। कुल 7,49,899 आवेदन आए हैं। IAF ने मंगलवार (5 जुलाई) को ट्वीट करते हुए लिखा कि, "#AgnipathRecruitmentScheme के लिए IAF द्वारा आयोजित ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया पूरी हो गई है। अतीत में 6,31,528 आवेदनों की तुलना में इस बार 7,49,899 आवेदन प्राप्त हुए हैं। यह संख्या सबसे अधिक है।' गांधी परिवार के खिलाफ एक भी सबूत नहीं ढूंढ पाई CBI, भाजपा ने कोर्ट में मांगी माफ़ी ? कन्हैयालाल हत्याकांड: नूपुर के हर समर्थक की 'हत्या' का था प्लान, अकेले राजस्थान में तैयार थे 40 कट्टरपंथी उपराष्ट्रपति उम्मीदवार नकवी ने ओवैसी को दिया करारा जवाब