नई दिल्ली : सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को 10 प्रतिशत आरक्षण के कानून के खिलाफ दायर की गई याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करने वाला है. अदालत आज इस बात पर विचार करेगा कि मामले को सुनवाई के लिए संविधान पीठ में भेजना आवश्यक है या नहीं. इससे पहले अदालत ने कानून पर रोक लगाने या मामला बड़ी बेंच को भेजने का आदेश देने से मना करते हुए कहा था कि जो भी आवश्यक आदेश होगा. कमलनाथ के करीबियों पर IT की दबिश, बचाने पहुंची मध्य प्रदेश पुलिस अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया था. दरअसल, याचिका में शीर्ष अदालत में 124वें संविधान संशोधन को चुनौती दी गई है. यह याचिका यूथ फॉर इक्वॉलिटी और वकील कौशलकांत मिश्रा की तरफ से दायर की गई थी. इसके अनुसार आरक्षण का आधार आर्थिक नहीं हो सकता. याचिका के अनुसार विधयेक संविधान के आरक्षण देने के मूल सिद्धांत के विरुद्ध है, यह सामान्य वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देने के साथ ही 50 प्रतिशत की आरक्षण सीमा का भी उल्लंघन करता है. लोकसभा चुनाव: आज भाजपा जारी करेगी घोषणापत्र, ये रहेंगे प्रमुख मुद्दे आपको बता दें कि यह विधेयक सरकारी नौकरी और शिक्षण संस्थानों में सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण प्रदान करता है. मोदी सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आरक्षण देने के लिए संसद में विधेयक पेश किया था, जिसे कुछ पार्टियों को छोड़कर कांग्रेस समेत तमाम विपक्ष ने समर्थन दिया था. इस विधेयक को लोकसभा ने तीन के मुकाबले 323 मत से, जबकि बुधवार को देर रात राज्यसभा ने सात के मुकाबले 165 वोट से पास कर दिया गया था. राज्य सभा ने 124वें संविधान संशोधन विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से पास किया गया था. सदन ने विपक्षी सदस्यों के पांच संशोधनों को नामंजूर कर दिया था. खबरें और भी:- पाकिस्तान ने 100 भारतीय मछुआरों को किया रिहा आतंकवाद को धन देने के मामले में मीरवाइज की पेशी आज, पाक से था सीधा सम्बन्ध मेरे परिवार के लोग भी प्रधानमंत्री बने, लेकिन जो पीएम मोदी ने किया वो किसी ने नहीं - वरुण गाँधी