नई दिल्ली: मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के एक पत्र के बाद महाराष्ट्र में 100 करोड़ की वसूली में मामले पर खड़ा हुआ बवाल थम नहीं रहा है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख लगातार इस मामले में सफाई दे रहे हैं, मगर उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही है। अनिल देशमुख के खिलाफ निष्पक्ष और स्वतंत्र CBI जांच की मांग करने वाली परमबीर सिंह की याचिका पर आज सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होने वाली है। बता दें कि इस मामले में सुनवाई जस्टिस एसके कौल और जस्टिस आरएस रेड्डी की पीठ करने वाली है। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने अपनी याचिका में खुद के ट्रांसफर को ‘मनमाना’ और ‘गैरकानूनी’ बताया है और शीर्ष अदालत से आग्रह किया है कि सरकार के इस आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए। परमबीर सिंह ने एक अंतरिम राहत के तौर पर अपने ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की है, वहीं राज्य सरकार, केंद्र तथा CBI को देशमुख के आवास की CCTV फुटेज की जांच करने और उन्हें फौरन जांच में लेने का आग्रह किया है। इस सियासी घमासान के बीच गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मंगलवार को सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं की बैठक में पुलिस अधिकारी रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट पर भी बातचीत की गई। बता दें कि कि मंगलवार को प्रेस वार्ता में पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उस चिट्ठी का हवाला दिया था, जो राज्य के इंटेलिजेंस विभाग की अफसर रश्मि शुक्ला की तरफ से लिखी गई थी। इसी पत्र में रश्मि ने पुलिस के कुछ बड़े अधिकारियों और अन्य अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के रैकेट में शामिल होने का दावा किया था और प्रमाण के रूप में कुछ फोन रिकॉर्डिंग होने की बात भी कही गई थी। सेंसेक्स और निफ़्टी में फिर आया उछाल कोरोना महामारी के कारण 280 कंपनियों को किया गया दिवालिया घोषित पेंशनभोगियों को डिजिटल जीवन प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए आधार अनिवार्य नहीं