लखनऊ: शिया वक्‍फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) की कुरान की 26 आयतों को हटाने की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय 12 अप्रैल को सुनवाई करेगा. इस मामले की सुनवाई जज नरीमन की बेंच करेगी. रिजवी ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर जनहित याचिका दायर की थी, जिसको लेकर वो अपने ही धर्म के लोगों के निशाने पर आ गए थे. वसीम रिजवी ने कुरान की कुछ आयतों को आतंक को बढ़ावा देने वाला करार दिया था. रिजवी ने आगे कहा कि ये आयतें कुरान में पहले नहीं थीं, इनको बाद में जोड़ा गया है. शिया मुसलमानों के प्रमुख संगठन ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट से कुरान शरीफ की 26 आयतें हटाने की उत्तर प्रदेश शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी की याचिका को खारिज करने की मांग की थी. हालांकि अदालत मामले में सुनवाई को सहमत हो गया है. वहीं राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी की कुरान शरीफ से 26 आयतें हटवाने की मांग ठुकराते हुए उनसे 21 दिनों के अंदर माफी मांगने के लिए कहा था. इसके साथ ही आयोग की ओर से कहा गया कि यदि रिजवी ऐसा नहीं करते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई का निर्देश दिया जाएगा. आयोग ने रिजवी को एक नोटिस भी भेजा था. अंजुमन खुद्दामे ए रसूल तथा इत्तेहादे मिल्लत काउंसिल (IMC) नाम के दो संगठनों ने रिजवी के खिलाफ यूपी के बरेली में अलग-अलग शिकायत देकर संयुक्त FIR दर्ज कराई थी. ये दोनों संगठन दरगाह आला हजरत से जुड़े हैं. वसीम रिजवी के खिलाफ मुरादाबाद के राहत मोलाई कौमी एकता संगठन ने उनका सिर काटकर लाने वाले के लिए 11 लाख रुपए के इनाम की घोषणा कर दी थी. शियाने हैदर-ए कर्रार वेलफेयर एसोसिशन ने भी उनका सिर काटने वालों के लिए 20 हजार रुपए के इनाम का ऐलान किया था. दूसरी Covid19 लहर भारतीय बैंकों के लिए जोखिम को बढ़ाती है: फिच रेटिंग्स हैदराबाद में खुदाई में मिले सोना और प्राचीन गहने सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट की गई दर्ज