नई दिल्ली: कृषि कानूनों और किसानों के आंदोलन पर शीर्ष अदालत में आज अहम सुनवाई होनी है. जहां किसान संगठनों और सरकार का बीच हुई बातचीतों में अब तक कोई हल नहीं निकला है, ऐसे में इस सुनवाई पर सबकी निगाह है. जिन याचिकाओं पर सुनवाई होनी है, उसमें से कुछ कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली हैं. वहीं कुछ ने 26 नवंबर से दिल्ली की सरहदों पर जो प्रदर्शन जारी है उसको खत्म करवाने के लिए याचिका दाखिल की है. शीर्ष अदालत ने 6 जनवरी को भी मामले पर सुनवाई की थी. तब सरकार ने कहा था कि किसानों से वार्ता जारी है. इसपर प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने कहा था कि बातचीत से मुद्दा हल होता नज़र नहीं आ रहा है. तीन जजों की बेंच ने इसपर सुनवाई की थी. विभिन्न याचिकाओं में से किसी में किसानों को हटाने तो किसी में दिल्ली की बॉर्डर्स पर मौजूद किसानों ने लिए बेहतर व्यवस्था करने की अपील की गई है. इसके साथ ही कृषि कानूनों की वैधता पर सवाल उठाने वाली रिट पिटीशन पर भी सुनवाई होनी है. कृषि कानूनों पर सवाल उठाने वाली याचिका दाखिल करने वालों में सांसद तिरुचि शिवा, मनोज कुमार झा शामिल थे. इनके साथ कुछ वकील और किसान भी इसमें पार्टी हैं. शीर्ष अदालत ने इनपर सरकार से जवाब मांगा था. फिर 6 जनवरी को सुनवाई के दौरान सरकार ने कहा था कि फिलहाल किसानों से वार्ता ठीक तरह से चल रही है इसलिए जवाब दाखिल नहीं किया गया था. दिसंबर तक NEP को आकार देने की संभावना: श्रम मंत्रालय MCap में TCS सबसे बड़ी 10 फर्मों में से 7 ने जोड़ें Rs.3.37-La-Cr नेपाल के प्रधानमंत्री आज नेशनल असेंबली को करेंगे संबोधित