भारत की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान अपने वर्चुअल कोर्ट सिस्टम को सही ठहराया है. अदालत का कहना है कि इस महामारी के दौर में न्याय की व्यवस्था को रोका नहीं जा सकता है. अदालत ने विभिन्न देशों के आंकड़ों के साथ यह बताया है कि वर्चुअल कोर्ट से सुनवाई के मामले में भारत का सुप्रीम कोर्ट अन्य देशों की अदालतों की तुलना में अव्वल है. कृषि सम्बंधित समस्याओं पर पीएम मोदी की बड़ी बैठक, किसानों की आय बढ़ाने पर हुई चर्चा आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सुप्रीम कोर्ट इस समय वीडियो लिंक के माध्यम से केवल अनिवार्य मामलों की सुनवाई कर रहा है. अदालत ने बताया कि पहली मई तक कुल 22 दिन सुनवाई हुई है. इस दौरान 116 पीठ का गठन किया गया. शनिवार रात सुप्रीम कोर्ट ने 38 पन्ने का नोट जारी वर्चुअल कोर्ट के जरिये काम के फैसले को सही ठहराया. अदालत ने कहा कि यह व्यवस्था सभी पक्षों के समय, धन और ऊर्जा की बचत के लिहाज से शानदार है. सीएम रूपानी का दावा, कहा- जमातियों के कारण गुजरात में इतना बढ़ा कोरोना संक्रमण इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, इटली, जर्मनी, चीन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और फ्रांस समेत करीब 23 देशों में वर्चुअल कोर्ट सिस्टम से सुनवाई हो रही है, लेकिन नतीजों के लिहाज से भारतीय न्यायपालिका का प्रदर्शन सबसे अच्छा है. ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने पांच फरवरी से 29 अप्रैल के बीच 18 मामलों में फैसला सुनाया है और अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने 24 फरवरी से 27 अप्रैल के बीच 28 मामलों में फैसला दिया है. इंदौर: सामने आई अस्पतालों की लापरवाही, भर्ती नहीं कर रहे एक भी मरीज बंगाल में ममता सरकार के खिलाफ नारेबाजी, घटिया राशन देने का आरोप 'आरोग्य सेतु एप प्राइवेसी के लिए खतरा..., सरकार की मंशा पर राहुल ने फिर उठाए सवाल