नई दिल्‍ली। देश में पिछले कई सालों से विवादों में चल रहे अयोध्या के मंदिर-मस्जिद मामले में आज देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट केमुख्‍य न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। आयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद : आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगी अहम फैसला कोर्ट ने इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि 1994 के इस्माइल फारुकी मामले में पुनर्विचार की जरुरत नहीं है और इस मामले को अब बड़ी खंडपीठ में नहीं भेजा जाएगा। इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस भूषण ने यह भी कहा है कि मस्जिद नमाज पढ़ने के लिए इस्लाम का अभिन्न हिस्सा नहीं है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि देश में सभी धर्मों और धार्मिक स्थानों को समान रूप से सम्मानित करने की आवश्यकता है। धारा 497 : सुप्रीम कोर्ट तय करेगी व्यभिचार में महिला भी दोषी होगी या नहीं उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला आयोध्या के मंदिर मस्जिद मामले से जुडी उस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाया है जिसमे 1994 के मस्जिद को इस्लाम का जरूरी हिस्सा न बताने वाले फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई थी। उल्लेखनीय है कि सन 1992 में राम मंदिर के लिए हुए विवाद के दौरान अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 में बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था। इसके बाद देश में हिन्दू-मुस्लिम के बीच दंगे भड़क गए थे और इसे लेकर काफी समय तक हंगामा हुआ था। इस मामले में एक सुनवाई आगामी 29 अक्टूबर को भी की जाएगी। ख़बरें और भी अब पराए मर्द के साथ भी अपना जिस्म बांट सकती हैं शादीशुदा महिलाएं : SC फैसला धारा 497: इन देशों में अब भी अपराध है 'व्यभिचार', मृत्युदंड तक मिल सकती है सजा धारा 497 : सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब अपराध नहीं है 'एक्स्ट्रा मेरिटल अफेयर'