नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने रविवार को कहा कि दिल्ली सेवा अधिनियम संविधान की मूल भावना के खिलाफ है और उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इसे पलट देगा। आम आदमी पार्टी (AAP) नेता भरद्वाज ने कहा कि, ''कई बार ऐसा हुआ है कि सरकार ने संविधान की मूल भावना के खिलाफ कानून पारित किया और सुप्रीम कोर्ट ने उसे पलट दिया.'' उन्होंने कहा, ''मेरा मानना है कि यह कानून (दिल्ली सेवा अधिनियम) भी मूल भावना के खिलाफ है।'' भारद्वाज ने आगे कहा कि ''ऊपर से'' नियुक्त उपराज्यपाल (LG), सरकार नहीं चला सकते क्योंकि यह जनता द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से चलती है। उन्होंने कहा कि, ''संविधान कहता है कि सरकार जनता द्वारा, निर्वाचित प्रतिनिधियों के माध्यम से चलाई जाएगी। ऐसे में ऊपर से नियुक्त उपराज्यपाल सरकार नहीं चला सकते. यह मुमकिन नहीं है। जब यह मामला अदालत में आएगा तो अदालत इस कानून को पलट देगी और संविधान लागू कर देगी।'' उन्होंने कहा कि, 'LG मनमाने ढंग से सरकार चलाएंगे और जनता का काम रोक देंगे, यह दिल्ली के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा।' बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) अधिनियम, 2023 को राज्यसभा ने पारित कर दिया गया था। यह अधिनियम केंद्र को राष्ट्रीय राजधानी में नौकरशाही पर नियंत्रण देता है। यह कानून उस अध्यादेश की जगह लेता है जो केंद्र द्वारा 19 मई को दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग के लिए एक प्राधिकरण बनाने के लिए लाया गया था। अध्यादेश और बाद में यह विधेयक भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र और केजरीवाल की दिल्ली सरकार के बीच विवाद का कारण बन गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधेयक के खिलाफ समर्थन मांगने के लिए नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, उद्धव ठाकरे, शरद पवार और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी, लेकिन तमाम विपक्ष की मदद के बावजूद केजरीवाल इस बिल को पारित होने से नहीं रोक पाए थे। अधिकतम मामलों में पैसे हड़पने के लिए POCSO, SC-ST एक्ट का दुरूपयोग कर रहीं हैं महिलाएं - इलाहाबाद हाई कोर्ट नर्स, किसान, मजदूर..! पीएम मोदी के साथ स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होंगे 1800 विशिष्ट अथिति असम में महिला नेता की कथित आत्महत्या के बाद भाजपा सदस्य पार्टी से निष्कासित