नईदिल्ली। रोहिंग्या मुसलमानों के साथ विश्वभर में हो रही हिंसा को लेकर भारत में भी चिंतन होने लगा है। रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में रहने देने की मांग करने वाली एक याचिका को लेकर सर्वोच्च न्यायालय सुनवाई करेगी। सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले में कहा है कि केंद्र सरकार जवाब दे। दरअसल जो याचिकाऐं दायर की गई हैं वह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। इसे पुनः भेजने की मांग की गई है। गौरतलब है कि म्यांमार में लंबे समय से रोहिंग्या मुसलमान बसे हैं लेकिन अब हिंसक हालातों के चलते वे यहाँ से पलायन करने में लगे हैं। म्यांमार का कहना है कि उसके देश के नागरिकों की सुरक्षा उनके लिए प्रमुख मसला है। चाहे इसके लिए उन्हें सेना लगानी पड़े वे लगाऐंगे। मगर आतंकवाद को नहीं फैलने देंगे। रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार से भागकर बांग्लादेश की ओर आ रहे हैं मगर यहाॅं से इन लोगों को खदेड़ा जा रहा है ऐसे में बड़े पैमाने पर भारत में इस समुदाय के लोगों ने शरण ले रखी है। ऐसे में कुछ लोगों का मानना है कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा है। म्यामांर में रोहिंग्या पर अत्याचार का आरोप लगाया जा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार भारत में 40 हजार रोहिंग्या मुसलमान और लगभग 1 लाख 80 हजार रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में शरण प्राप्त कर चुके हैं। इतना ही नहीं अधिकांश रोहिंग्या मुसलमान जम्मू कश्मीर, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, दिल्ली एनसीआर व राजस्थान में हैं। कुछ याचिकाओं में इन लोगों को यहाॅं से हटाने की मांग की गई है। उल्लेखनीय है कि लोकप्रिय राजनीतिज्ञ गोविंदाचार्य ने भी रोहिंग्या मुसलमानों को भारत से बाहर भेजने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि इन लोगों का उपयोग आतंकी संगठन करते हैं। यही चिंता केंद्र सरकार ने जताई है। सरकार का कहना है कि देश में अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकाला जाएगा। सरकार को डर ये है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन रोहिंग्या मुसलमान का इस्तेमाल भारत में आतंक फैलाने के लिए कर सकते हैं। रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि हमें समस्या की जड़ में जा कर उसे सुलझाना होगा। हम म्यांमार सरकार से अपील करते हैं कि वो रोहिंग्या मुसलमानों को नागरिकता दे नहीं तो कम से कम उन्हें, कानूनी तौर पर रहने की इजाजत दे। म्यांमार से पलायन की वजह से संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटारेस ने कहा कि अब इस मामले में और देरी नहीं की जा सकती। संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि इस समुदाय के म्यांमार से होने वाले पलायन को रोकना होगा। रोहिंग्या मुसलमानों की रक्षा हेतु की गई इबादत गोविन्दाचार्य ने की रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने की मांग रोहिंग्या मुस्लिमों के खिलाफ SC में अर्जी दाखिल गृह मंत्रालय का राज्यों को आदेश, अवैध तरीके से रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों को निकाले बाहर