नई दिल्ली: आज दिल्ली स्थित शीर्ष अदालत मुस्लिम समाज की महिलाओं के हित में बड़ा फैसला ले सकती है. मुस्लिम बहुविवाह और हलाला के खिलाफ समीना नमक महिला ने सुप्रीम कोर्ट में आवाज उठाई है. उनकी याचिका पर सोमवार को देश की सबसे बड़ी अदालत मे सुनवाई प्रस्तावित है. इसीलिए सबकी निगाहें इस समय सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिकीं हुईं हैं. दक्षिणी दिल्ली की समीना बेगम ने याचिका में कहा है कि उसकी शादी 1999 में जावेद अनवर से हुई थी, उससे उसे दो बेटे पैदा हुआ थे. जावेद ने उसके ऊपर काफी अत्याचार किया, जब उसने आईपीसी की धारा 498ए के तहत शिकायत दर्ज कराई तो जावेद ने उसे तलाक का पत्र भेज दिया. उसके बाद उसने 2012 में रियाजुद्दीन नामक शख्स से शादी की जिसकी पहले से ही आरिफा नामक महिला से शादी हो चुकी थी. रिजायुद्दीन ने भी उसे उस समय फोन पर तलाक दे दिया था जब वह गर्भवती थी. दो बार तीन तलाक से पीड़ित हुई समीना ने बहुविवाह और हलाला पर रोक की मांग उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. तीन तलाक़ को प्रतिबंधित करने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट का हलाला पर फैसला भी देशभर की मुस्लिम महिलाओं के लिए अहम होगा. आपको बता दें कि हलाला एक रस्म है. इसे ‘निकाह हलाला’ के नाम से भी जानते हैं. यह रस्म उन तलाकशुदा औरतों के लिए होती है, जो हालात के चलते दोबारा अपने पहले शौहर से निकाह करना चाहती हैं. इसके लिए उन्हें हलाला का पालन करना पड़ता है, शरिया के मुताबिक अगर किसी शख्स ने बीवी को तलाक दे दिया, तो उससे तब तक दोबारा निकाह नहीं कर सकता है जब तक वह किसी दूसरे से निकाह कर तलाक न ले ले. 70 जोड़ों का विवाह एक साथ, 7 मुस्लिम, 63 हिन्दू राम जन्म भूमि मामले में अंतिम बहस पर सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट ने लोकायुक्त को लेकर 12 राज्यों से ज़वाब माँगा