नई दिल्ली। देश में पिछले कई सालों से विवादों में चल रही व्यभिचार से जुड़ी आईपीसी की धारा 497 को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने इस मामले में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए शादी के बाद संबंध बनाने को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। जानिए अदालत के फैसले के बाद कहां अनिवार्य होगा आधार और कहां नहीं होगी जरुरत यह फैसला आज देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता में 5 जजों वाली एक पीठ ने सुनाया है। यह पीठ आज उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमे व्यभिचार से जुडी आईपीसी की धारा 497 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता 198 (2) को चुनौती दी गई थी। यह याचिका इटली में निवास कर रहे भारतीय जोसेफ शाइन द्वारा दायर की गई थी। इस मामले में जस्टिस मिश्रा ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा है कि संविधान सभी के लिए है और इसमें सभी को समानता दी जानी जरुरी है। उन्होंने इस मामले की सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि पति महिला का मालिक नहीं है बल्कि महिला की गरिमा सबसे ऊपर है। इस मामले में कोर्ट ने आईपीसी की धारा 497 को खारिज करते हुए अडल्टरी को अपराध के दायरे से बाहर कर दिया है। आधार पर अदालत का फैसला, मोदी सरकार के मुँह पर तमाचा- कांग्रेस उल्लेखनीय है कि इस मामले में बीते माह 9 अगस्त को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आपको बता दें की व्यभिचार से जुडी ये धाराएं (497 और 198-2 ) 157 साल पहले अमल में लायी गई थी। ख़बरें और भी धारा 497 : सुप्रीम कोर्ट तय करेगी व्यभिचार में महिला भी दोषी होगी या नहीं आयोध्या मंदिर-मस्जिद विवाद : आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगी अहम फैसला आधार पर फैसला, गरीब समर्थक मोदी सरकार की बड़ी जीत- भाजपा