मुंबई: भारत का मोस्ट वांटेड भगोड़ा दाऊद इब्राहिम तथा उसके गिरोह के अन्य सदस्यों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की तहकीकात कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ED) को नई और महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। प्रवर्तन निदेशालय को पता चला कि गैंगस्टर प्रत्येक माह इकबाल कासकर समेत अपने भाई-बहनों तथा रिश्तेदारों को 10-10 लाख रुपये भेज रहा था। इकबाल कासकर को भी प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। ध्यान हो कि यह जानकारी गवाह खालिद उस्मान शेख ने दी है जो इकबाल कासकर के एक बचपन के दोस्त का छोटा भाई है। इकबाल कासकर के बचपन के मित्र की मौत हो चुकी है। खालिद का मृतक बड़ा भाई अब्दुल समद इकबाल कासकर का बचपन का दोस्त था तथा उसने दाऊद इब्राहिम गिरोह के लिए काम करना आरम्भ किया था। 7 दिसंबर 1990 को दाऊद इब्राहिम गिरोह तथा अरुण गवली गिरोह के बीच हुए गैंगवार में अब्दुल समद मारा गया था। प्रवर्तन निदेशालय को दिए अपने बयान में खालिद उस्मान ने बोला कि मेरे भाई अब्दुल समद और इकबाल कासकर बचपन के दोस्त थे तथा उन्होंने एक साथ लंबा समय गुजारा है। उसने कहा कि मेरा भाई अरुण गवली एवं दाऊद इब्राहिम गिरोह के बीच गैंगवार में 7 दिसंबर 1990 को मारा गया था। जब मेरे बड़ा भाई मारा गया था, इकबाल दुबई में था तथा जब वह भारत लौटा, तो वह मेरी मां को देखने आया। वही इसके चलते उसने मेरे भाई के गैंगवार में मारे जाने पर दुख जताया। तब से जब भी इकबाल कासकर ने मुझे और मेरे भाई शब्बीर उस्मान को बुलाया, हमें जाना पड़ा। बता दें कि शब्बीर उस्मान मौजूदा वक़्त में एक ड्रग मामले में गिरफ्तार होने के पश्चात् जेल में है। उसने कहा कि जब हम उनसे मुलाकात करने जाते थे तो वह हमें खाना खिलाते थे तथा हम उनके साथ 1 या दो घंटे गुजारते थे तथा फिर घर वापस आ जाते थे। तब इकबाल कासकर ने मुझे कहा था कि दाऊद इब्राहिम अपने सभी भाई-बहनों और रिश्तेदारों को प्रत्येक महीने 10-10 लाख रुपये भेजता है। यह रुपया दाऊद ने अपने गुर्गों के माध्यम से भेजा था। तब इकबाल कासकर ने मुझे बताया था कि उसे भी दाऊद से प्रत्येक महीने 10 लाख रुपये प्राप्त होते थे। खालिद उस्मान ने यह भी खुलासा किया कि सलीम अहमद सैय्यद उर्फ सलीम पटेल उसे उसके नाम से जानता था। उसने कहा कि पटेल उसी पड़ोस में रहता था तथा मृतक सलीम पटेल और खालिद दाऊद इब्राहिम और इकबाल कासकर की बहन जिसकी मौत हो चुकी है, हसीना पारकर के लिए ड्राइवर के तौर पर कार्य करता था। सलीम पटेल हसीना पारकर के लिए जमीन हथियाने तथा संपत्ति विवाद निपटाने का भी काम करता था। हसीना पारकर ने दाऊद इब्राहिम के नाम का बहुत उपयोग किया तथा रुपया कमाया। उसने बताया कि एक बार मुंबई के बांद्रा में ऐसे फ्लैट पर सलीम पटेल तथा हसीना पारकर ने जबरन कब्जा कर लिया था। IPL 2022 के मेगा ऑक्शन में अनसोल्ड रहे थे 'किलर' मिलर, आज हैं गुजरात टाइटंस की जान आखिर क्यों है आज भारत बंद...क्यों कर रहे कई संगठन समर्थन, जानिए क्या है लोगों की मांगे गुजरात टाइटंस ने IPL 2022 के फाइनल में बनाई जगह, RR के कप्तान संजू सेमसन ने बताया हार का कारण