लखनऊ: लगभग डेढ़ साल से फरार चल रहे एक लाख के इनामी IPS अधिकारी मणिलाल पाटीदार ने आखिककार शनिवार को लखनऊ के अपर जिला सत्र न्यायाधीश/ भष्टाचार निवारण अधिनियम लोकेश वरुण की कोर्ट में सरेंडर कर दिया। महोबा के पुलिस अधीक्षक रहे पाटीदार के वकील ऐश्वर्य प्रताप सिंह और रणधीर सिंह ने कोर्ट में दलील दी कि पाटीदार को झूठे मामले में फंसाया गया है। हालाँकि, कोर्ट ने पाटीदार को 14 दिन की न्‍यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। 2014 बैच के IPS अधिकारी पाटीदार को भ्रष्टाचार के गंभीर मामले में शासन ने नौ सितंबर 2020 को निलंबित कर दिया था। पाटीदार के खिलाफ सितंबर 2020 में महोबा में क्रशर कारोबारी इन्‍द्रकांत त्रिपाठी को ख़ुदकुशी के लिए उकसाने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया था। पुलिस के वसूली के खेल में क्रशर कारोबारी की मौत हो गई थी। इसी मामले में पुलिस को उसकी खोजबीन थी। पाटीदार पर एक लाख का इनाम भी घोषित किया गया था। बता दें कि, महोबा के क्रशर कारोबारी इन्‍द्रकांत त्रिपाठी को 8 सितंबर 2020 को रहस्यमयी परिस्थितियों में गोली लग गई थी। इसके लगभग 5 दिन बाद कानपुर के एक अस्पताल में उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था। इन्‍द्रकांत त्रिपाठी ने घटना के एक दिन पहले यानी 7 सितंबर 2020 को एक वीडियो जारी करते हुए पाटीदार पर संगीन इल्जाम लगाए थे। उन्‍होंने खुद की हत्या की आशंका भी जताई थी। इन्‍द्रकांत ने आरोप लगाते हुए कहा था कि IPS पाटीदार ने उनसे छह लाख रुपए की रिश्वत मांगी। पाटीदार, रिश्‍वत न देने पर हत्या कराने या जेल भेजने के लिए धमकाने लगा। इन्‍द्रकांत की मौत के बाद उनके परिवार ने मणिलाल पाटीदार, कबरई थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर देवेंद्र, सिपाही अरुण और दो अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया था। 'प्री दिवाली गिफ्ट फॉर भ्रष्टाचार के पितामाह', CM बघेल पर रमन सिंह का तंज अचानक खंभे से टकरा गई CM नीतीश की नाव, हुआ ये हाल 'कांग्रेस का काम झगड़ा लगाना है और मोदी को विकास से मतलब', अमित शाह ने बोला जमकर बोला