वर्ष 2020 का दूसरा तथा आखिरी सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को घटित होगा। सूर्य ग्रहण वह घटना है जब पृथ्वी तथा सूर्य के मध्य में चंद्रमा आंशिक या पूर्ण तौर पर आ जाता है। वर्ष के इस आखिरी सूर्य ग्रहण से सबंधित कुछ अहम जानकारियां आपको अवश्य रखनी चाहिए। वर्ष 2020 के जून माह में प्रथम सूर्य ग्रहण हुआ था। ये सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 को पड़ा था। वर्ष 2020 में कुल 6 ग्रहण हुए। इसमें 2 सूर्य ग्रहण तथा 4 चंद्र ग्रहण सम्मिलित हैं। हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक, सूर्य ग्रहण तथा चंद्र ग्रहण हमारी राशियों पर असर डालते हैं। जिसके कारण हमारे जीवन में परिवर्तन होते हैं। आइए जानते हैं ये सूर्य ग्रहण कैसा सिद्ध होगा।।। ज्योतिषीय शास्त्र के मुताबिक, सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहों की अवस्था गुरु चंडाल योग बना रही हैं। वहीं पाप ग्रह राहु की दृष्टि देवगुरु बृहस्पति पर है। बृहस्पति मकर राशि में शनि के साथ विराजमान है। ऐसे में जिन लोगों की जन्मपत्री में पूर्व से ही गुरु चंडाल योग है उन्हें विशेष सावधानी बरतने की जरुरत है। सूर्य ग्रहण के दौरान ग्रहों की जो अवस्था बन रही है उससे दिसंबर से लेकर अप्रैल तक उहापोह की स्थिति बनी रहेगी। इन स्थानों पर दिखाई देगा सूर्य ग्रहण: यह सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यही कारण है कि सूर्य ग्रहण का सूतक काल भी नहीं माना जाएगा। यह सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका, साउथ अफ्रीका अटलांटिक, हिंद महासागर तथा प्रशांत महासागर के कुछ स्थानों में देखा जा सकेगा। सूर्य ग्रहण का वक़्त: ये सूर्य ग्रहण 14 दिसंबर को शाम 07 बजकर 03 मिनट पर आरम्भ होगा। फिर 14 दिसंबर तथा 15 दिसंबर की मध्यरात्रि 12:23 बजे समाप्त हो जाएगा। ये सूर्य ग्रहण करीब 5 घंटे तक चलेगा। इस दिन है वर्ष का अंतिम शनि प्रदोष व्रत, ऐसे मिलेगी शनि-शिव की कृपा जानिए राशियां हमारे व्यक्तित्व को कैसे करती है प्रभावित हर राशि का ज्योतिष शास्त्र में अलग होते है ये संकेत