लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र की वार्षिक बैठक का आयोजन किया जा रहा है। इस बैठक में भारत, अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के साथ पाकिस्तान के मसले पर चर्चा कर रहा है। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज द्वारा इस बैठक में चीन के साथ, भारत के विवाद को भी सामने रखा गया है। सुषमा स्वराज ने जापान के विदेश मंत्री से भेंट की। अब वे यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता के दावे को मजबूती से रखेंगी। इसके लिए वे लगभग 20 देशों के प्रतिनिधियों से भेंट करेंगी। दूसरी ओर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पेरिस जलवायु समझौते पर अमेरिकी रवैये को लेकर और, वैश्विक आतंकवाद के मसले पर यूएन में अपना पक्ष रख सकते हैं। इस दौरान वे सीरिया, अफगानिस्तान, उत्तर कोरिया और, पाकिस्तान को लेकर अमेरिका की रणनीति पर चर्चारत रह सकते हैं। भारत समेत अन्य ऐसे देशों के लिए ट्रंप का भाषण बेहद महत्वपूर्ण होगा जो, इस्लामिक आतंकवाद का सामना कर रहे हैं। म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर हुई हिंसा और इससे उपजे वैश्विक संकट को लेकर,यूएन में विभिन्न देशों के नेताओं के बीच चर्चा होगी। यूएन में रोहिंग्या मुसलमान को लेकर म्यांमार की स्टेट काउंसलर आंग सान सु की भाषण देंगी। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने बैठक से पहले कहा था कि, सु की के पास हिंसा रोकने का ये आखिरी मौका है। उन्होंने जोर देकर कहा कि, रोहिंग्या मुसलमानों की घर वापसी म्यांमार सरकार की जिम्मेदारी है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज करेंगी जापान और अमेरिका के साथ त्रिपक्षीय वार्ता 'स्वराज' ने कहा, अफगानिस्तान के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े है हम केंद्र सरकार द्वारा चीन जाने की अनुमति ना दिए जाने पर मंत्री ने उठाए सवाल