मुंबईः संकट से घिरी पंजाब एंड महाराष्ट्र को-आपरेटिव बैंक यानि पीएमसी को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। पीएमसी के निलंबित प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस ने खुलासा करते हुए कहा कि पीएमसी ने एचडीआईएल बैंक को 2,500 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। यह बैंक के कुल कर्ज का करीब एक तिहाई है। उन्होंने कहा कि बैंक के पूर्व प्रबंधन ने गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) के मामले में निदेशक मंडल को अंधेरे में रखा। उन्होंने कहा कि बीते छह-सात साल में एचडीआईएल पर पीएमसी बैंक का बकाया कर्ज बढ़कर 2,500 करोड़ रुपये से अधिक हो गया। जबकि प्रबंधन की ओर से निदेशक मंडल को यह नहीं बताया गया कि उसका सबसे बड़ा ग्राहक पिछले दो-तीन साल से एनपीए हो गया है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने मंगलवार को नियामकीय कार्रवाई करते हुए पीएमसी प्रबंधन को भंग कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने छह महीने के लिए पीएमसी के कामकाज के लिए प्रशासक नियुक्त किया है। बैंक का कुल बकाया कर्ज करीब 8,400 करोड़ रुपये है जबकि उसके पास कुल 11,630 करोड़ रुपये की जमा है। उन्होंने कहा कि निदेशक मंडल को इस बात की जानकारी नहीं थी कि एचडीआईएल का कर्ज एनपीए हो गया है। उसे इसकी जानकारी नहीं दी गई। इसका आवंटन केंद्रीय कार्यालय स्तर पर किया गया।' हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कर्ज आवंटन किसने किया। वित्त मंत्री ने पीएसयू के प्रमुखों के साथ बैठक में दिया यह आदेश दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में आरबीआई को जारी किया नोटिस हीरा खदान में निवेश से पहले खदान का अध्ययन कराएंगी कंपनियां