नई दिल्ली । सतलुज यमुना लिंक नहर परियोजना को लेकर सर्वोच्च न्यायालय ने अपना महत्वपूर्ण निर्णय दिया है। न्यायालय का कहना है कि जो आदेश इस मामले में न्यायालय ने दिया है वह मान्य होना चाहिए। और इसे लागू किया जाए। हालांकि इसे लागू करने का कार्य सरकार का हैै और उसकी ही जवाबदारी है। इस मामले में न्यायमूर्ति पीसी घोष व न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ द्वारा कहा गया है कि न्यायालय द्वारा जो डिग्री दी गई है उसका उल्लंघन करने की छूट किसी को नहीं होगी। हालांकि सरकार को यह तय करना होगा कि आदेश का पालन कैसे हो। न्यायालय के आदेश पर हरियाणा याचिका पर केंद्र और पंजाब राज्य को उत्तर देना होगा । न्यायालय ने आदेश जारी किया कि इस मामले में आगामी सुनवाई 15 फरवरी को होगी। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में दलील देकर कहा कि पंजाब का जल समझौता कानून रद्द नहीं होगा। गृहमंत्रालय के दल ने 7 दिसंबर और 8 दिसंबर को नहर के 10 स्थानों का निरीक्षण किया इस दौरान उनका कहना था कि इसमें कोई बपरिवर्तन नहीं हुआ है। इन 8 स्थानों में जांच दल निरीक्षण कर चुका है। अब न्यायालय द्वारा अपना आदेश दिए जाने के बाद माना जा रहा है कि सरकार कड़ाई से नियम का पालन करवाएगी।