लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव के साथ "वैचारिक मतभेद" का हवाला देते हुए, स्वामी प्रसाद मौर्य ने राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देने के ठीक एक हफ्ते बाद मंगलवार को पार्टी छोड़ दी। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव 'समाजवादी विचारधारा' के खिलाफ जा रहे हैं। उन्होंने एक्स पर अखिलेश यादव को संबोधित अपना इस्तीफा पत्र भी पोस्ट किया। अपने इस्तीफे के बाद, उन्होंने मीडिया को बताया कि पार्टी छोड़ने का कारण "अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी के साथ वैचारिक मतभेद" था। उन्होंने कहा कि, "मैं स्वच्छ राजनीति में विश्वास करता हूं। मैंने अखिलेश यादव को देखा। वह समाजवादी विचारधारा के खिलाफ जा रहे थे। मेरे पास मुलायम सिंह यादव के साथ काम करने का अनुभव भी है। वह एक कट्टर समाजवादी नेता थे। जो लोग उनकी विरासत को आगे नहीं बढ़ा पा रहे हैं, वो उनकी विचारधारा का पालन कैसे करेंगे? यह दुर्भाग्यपूर्ण है।'' पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा देने पर मौर्य ने कहा था कि वह बिना किसी पद के समाजवादी पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करते रहेंगे। राज्य विधान परिषद के सदस्य, मौर्य 2022 के चुनावों से पहले भाजपा से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए थे और फाजिलनगर से विधानसभा चुनाव लड़े थे, लेकिन असफल रहे थे। उन्होंने रामचरितमानस और अयोध्या मंदिर प्रतिष्ठा समारोह को लेकर विवादित बयान दिया था। भाजपा में जाने की अटकलों के बीच कांग्रेस की बैठक में शामिल हुए कमलनाथ, इस मुद्दे पर हुई चर्चा 'केंद्र सरकार ने जो किया..', पीएम मोदी को लेकर कैसे बदले फारूक अब्दुल्ला के तेवर ? आंध्र प्रदेश में दुखद हादसा, कार से टकराकर ऑटो में लगी आग, 3 लोगों की जलकर मौत