भारत शुरू से ही महापुरुषों की मातृभूमि रही है. हमारे देश में कई ऐसे महापुरूष हुए हैं, जिनके जीवन और सोच हमे जीने की नई दिशा देते है. जिनका जीवन चरित्र और विचार हमेशा हमारे अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. उनके विचार ऐसे हैं कि निराश व्यक्ति भी अगर उसे ध्यान से पढ़े और अपने जीवन में अपनाये तो उसे जीवन जीने का एक नया मकसद मिल सकता है। इन्ही सब महापुरुषों में से एक हैं स्‍वामी विवेकानंद। स्वामी विवेकानंद का जन्म सन 1863 को हुआ था। 4 जुलाई यानी आज स्वामी विवेकानंद के स्मृति दिवस के मौके पर हम उनके अनमोल विचारों को आपके साथ साझा कर रहे हैं। उनके विचारो पर फिर से प्रकाश डालकर अपने जीवन में अपनाते है. 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था। उनके गुरु "रामकृष्ण परमहंस" ने उन्हें "स्वामी विवेकानंद" नाम दिया था। अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मलेन में उन्होंने भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया, तथा वेदांत दर्शन का प्रसार पुरे विश्व में किया। आपने समाज के सेवा कार्य के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की। स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि जिस पल मुझे यह ज्ञात हो गया कि हर मानव के हृदय में भगवान हैं तभी से मैं अपने सामने आने वाले हर व्यक्ति में ईश्वर की छवि देखने लगा हूं और उसी पल मैं हर बंधन से छूट गया। हर उस चीज से जो बंद रखती है, धूमिल हो जाती है, परन्तु मैं तो आजाद हूं। अपने ज्ञानमय विचारो से सभी को प्रभावित किया। और इस तरह स्वामी विवेकानंद के विचार ने सम्पूर्ण देश को सोचने की एक नई दिशा प्रदान की. उन्ही में से कुछ स्वामी विवेकानंद के 10 अनमोल वचन है जिन्हे यदि हम अपने जीवन में अपनाये तो निश्चित हम सफल होंगे. उनके 10 वचन कुछ इस तरह थे - उठो, जागो और तब तक मत रुको जब तक लक्ष्य की प्राप्ति ना हो जाए. ख़ुद को कमज़ोर समझना सबसे बड़ा पाप है। तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अपने भीतर से सीखना है। आत्मा से अच्छा कोई गुरु नही होता है। सत्य को हज़ार तरीकों से बताया जा सकता है, फिर भी सत्य तो एक ही होगा। बाहरी स्वभाव केवल हमारे भीतर के स्वभाव का बड़ा रूप हैं। ब्रह्माण्ड की सारी शक्तियां पहले से हमारी हैं। वो हम ही हैं जो अपनी आंखों पर हांथ रख लेते हैं और फिर रोते हैं कि कितना अंधकार है। विश्व एक विशाल व्यायामशाला है जहां हम खुद को मज़बूत बनाने के लिए आते हैं। दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो। शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु हैं। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु हैं। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु हैं। किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आए-आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं। और ये सारे विचार यदि हम जीवन में अपनाये तो निश्चित ही सफलता हमारे कदम चूमेगी. जरुरी है की हम अपने जीवन में इन विचारो पर अम्ल करे. MP Board 10th Result 2020: जारी हुए 10वीं परीक्षा के नतीजे, ऐसे चेक करें रिजल्ट तिहार जेल के कैदियों के लिए किया जाए मनोरंजन का इंतज़ाम, HC में याचिका दाखिल तमिलनाडु में बढ़ा कोरोना का कहर, पीड़ितों की संख्या पहुंची 1 लाख के पार