जानिए सिम स्वैपिंग से बचने का तरीका

दुनिया के हर इंसान का काम तकनीक ने सरल कर दिया है, लेकिन इसके अपने कुछ खतरे भी हैं. हाल के समय में लगभग हर किसी के पास स्मार्टफोन है, हम टिकट बुकिंग, होटल बुकिंग, बैंकिंग सेवाएं जैसी कई सुविधा स्मार्टफोन के जरिये उठा रहे हैं. स्मार्टफोन मतलब दुनिया मुट्ठी में, दुनिया की खबर मुट्ठी में, लेकिन यह उतने ही जोखिम भी पैदा कर रही है. स्मार्टफोन में ऐसी तमाम जानकारियां रहती हैं जो हमें नुकसान पहुंचा सकती हैं. इसमें जालसाजों को सिम क्लोनिंग या सिम स्वैपिंग से मदद मिलती है. आइए इस खबर में जानते हैं कि आखिर क्या है सिम क्लोनिंग या सिम स्वैपिंग, और इससे कैसे बचें.

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क्या है सिम स्वैपिंग : सिम क्लोनिंग या सिम स्वैपिंग के जरिये आसानी से साइबर क्राइम को अंजाम दिया जा सकता है. दरअसल, फ्रॉड करने वाला व्यक्ति आपके सिम का डुप्लीकेट तैयार कर लेता है, सिम स्वैप का मतलब वह सिम एक्सचेंज कर लेता है. आपके फोन नंबर से एक नए सिम का रजिस्ट्रेशन करवा लिया जाता है. इसके बाद आपका सिम बंद हो जाता है. फिर आपके नंबर पर रजिस्टर्ड हुए दूसरे नंबर पर आने वाले OTP के जरिये कोई भी आपके अकाउंट के पैसे खाली कर सकता है.

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सिम स्वैपिंग से कैसे बचें : अगर आपके सिम पर नेटवर्क ठीक नहीं है, न ही आपके फोन पर कोई फोन कॉल्स आ रही है और न ही कोई अलर्ट तो तुरंत इसकी शिकायत अपने मोबाइल ऑपरेटर्स से करें. साथ ही, अपने मोबाइल नंबर को भूलकर भी सोशल मीडिया पर न डालें. अगर आपको ऐसा लगता है कि आपके नंबर का इस्तेमाल सिम स्वैपिंग के लिए हो रहा है तो तुरंत इसकी शिकायत अपने मोबाइल ऑपरेटर्स से संपर्क करें.

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