सुरक्षा परिषद की बैठक में 30 दिन के संघर्षविराम के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया. सुरक्षा परिषद के सभी 15 सदस्यों ने प्रभावित इलाके में सहायता पहुंचाने और मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराने के लिए वोट किया. इस हफ़्ते की शुरुआत से ही सीरियाई सरकार ने राजधानी दमिश्क के नजदीक विद्रोहियों के कब्जे के वाले इलाके पूर्वी ग़ूता में बमबारी शुरू कर दी थी. इसी कार्रवाई को रोकने के मकसद से सुरक्षा परिषद ने इस संघर्षविराम की घोषणा की है. हालांकि कार्यकर्ताओं का कहना है कि वोटिंग होने के बाद भी हवाई हमले जारी हैं. इससे पहले संघर्षविराम के प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लंबी खींचतान देखने को मिली. गुरुवार को पेश किए गए प्रस्ताव को रूस ने मानने इंकार कर दिया था, वह उसमें कुछ संशोधन चाहता था. रूस सीरियाई सरकार का समर्थन करता है, वह संघर्षविराम प्रस्ताव में बदलाव चाहता था, वहीं पश्चिमी राजनयिकों का कहना था कि रूस इस तरह की बातें करके समय बर्बाद कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र में अमरीकी प्रतिनिधि निकी हैली ने कहा है कि संघर्षविराम को तुरंत प्रभाव से लागू कर देना चाहिए. हालांकि उन्होंने आशंका जताई कि सीरिया संघर्षविराम को लागू करने के लिए तैयार होगा इस पर संशय है. सबसे पहले भारत में लांच होगा नोकिया का ये धाकड़ स्मार्टफोन इन मुद्दों पर है भारत-अमरीका मे अब भी तनातनी इन तकनीकों के साथ लांच हुआ सैमसंग Galaxy S9 और Galaxy S9 Plus