नई दिल्ली: वर्ष 2008 में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए आतंकी हमले के आरोपितों में से एक तहव्वुर राणा के भारत लाने का रास्ता साफ हो चुका है। अमेरिका के कैलिफोनर्निया की कोर्ट ने उसके प्रत्यर्पण को हरी झंडी दे दी है। 26/11 मुंबई हमलों में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक तहव्वुर की संलिप्तता उजागर होने के बाद भारत ने उसके प्रत्यर्पण की माँग की थी। अमेरिका की जो बाइडन सरकार ने तहव्वुर को भारत को सौंपने पर सहमति जताई थी। रिपोर्ट के अनुसार, कैलिफोर्निया की मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चूलजियान ने मंगलवार (16 मई) को 48 पन्नों का आर्डर दिया था। इसमें कहा गया कि डाक्यूमेंट्स की समीक्षा करने और दी गई दलीलों को सुनने के बाद कोर्ट तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पण के लायक समझती है। अब NIA अमेरिकी सरकार से संपर्क साधेगी और तहव्वुर को भारत लाए जाने की कवायद आरम्भ की जाएगी। बता दें कि मुंबई के आंतकी हमले को पाकिस्तान स्थित और समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता आतंकी डेविड हेडली था। तहव्वुर राणा, हेडली के बचपन का मित्र है। मुंबई हमलों में उसने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों और हेडली की सहायता की थी। उसे हमले की हर साजिश के बारे में पता था। उसी सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) तहव्वुर की भूमिका को लेकर छानबीन कर रही है। अमेरिकी कोर्ट द्वारा तहव्वुर के प्रत्यर्पण के समर्थन में फैसला दिए जाने के बाद मुंबई 26/11 आतंकी महले के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर उज्ज्वल निकम ने इसे भारत की बड़ी जीत बताया है। उन्होंने मीडिया से कहा है कि यह पहली दफा है, जब अमेरिकी सरकार ने NIA के सबूतों पर विश्वास किया है। बता दें कि, तहव्वुर के वकील ने इस प्रत्यर्पण की खिलाफत की थी। बता दें कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले में 6 अमेरिकी नागरिक सहित 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों में अजमल कसाब नामक एक आतंकवादी जिन्दा पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को फाँसी दे दी गई थी। शेष आतंकी भारतीय सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए थे। अजमल कसाब के जिन्दा पकड़े जाने और उससे हुई पूछताछ से ही यह पता चल सका था कि, यह हमला पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किया गया था। वरना, उस समय केंद्र में बैठी कांग्रेस सरकार ने इसे हिन्दू आतंकवाद से जोड़ दिया था, क्योंकि पाकिस्तान ने सभी आतंकियों के हाथों में कलावा बांधकर और उनकी जेबों में हिन्दू नाम वाले ID कार्ड रखकर भारत में भेजा था। वहीं, इधर भारत में 26/11 RSS की साजिश नाम से किताब छाप दी गई थी, जिसे जांच पूरी होने से पहले ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और फ़िल्मकार महेश भट्ट ने लॉन्च भी कर दिया था, यदि पुलिसकर्मी तुकाराम ओंबले 40 गोलियां खाने के बाद भी आतंकी कसाब को जिन्दा न पकड़ते, तो शायद आज भी पूरा भारत मुंबई आतंकी हमले को हिन्दू आतंकवाद का नतीजा ही मान रहा होता। हिन्दुओं के घरों पर बुलडोज़र, मुस्लिम छात्रावास के लिए सरकारी जमीन ! घिरी गहलोत सरकार, जयपुर में सड़कों पर उतरे लोग आत्मनिर्भरता होता भारत! 17000 करोड़ से IT हार्डवेयर सेक्टर में बजेगा हिंदुस्तान का डंका, रोजगार- कम कीमतों का मिलेगा फायदा जल जीवन मिशन की जबरदस्त कामयाबी, 4 साल में 12 करोड़ से अधिक घरों में नल से पहुंचा पेयजल