नई दिल्ली : देश में नकदविहीन और डिजिटल भुगतान व्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कल वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा की गई घोषणा के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि केंद्र सरकार आमजन को डिजिटल भुगतान की ओर पूरी तरह उन्मुख करना चाहती है. रोजमर्रा के व्यवहार में नकद की जगह डिजिटल पेमेंट करने पर आइये जानते हैं. वित्त मंत्री की 11 सूत्री घोषणा से आम जनता को क्या लाभ होंगे. सबसे पहले बात परिवहन की करते हैं. वित्त मंत्री की घोषणा के बाद यदि आप पेट्रोल पम्पों से डीजल - पेट्रोल खरीदने के बाद इसका भुगतान डिजिटल तरीके से करते हैं तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 0.75 फीसदी की छूट दी जाएगी. इसी तरह यदि आप शहरी क्षेत्र में रहकर मौसमी या दैनिक यात्रा करते हैं तो इनसे जुड़े टिकट का भुगतान डिजिटल करेंगे तो किराए में 0.5 फीसदी की छूट मिलेगी. बता दें कि इसकी सबसे पहले शुरुआत मुम्बई से की जाएगी. इसी तरह यदि आप रेलवे के टिकट ऑन लाइन खरीदते हैं तो टिकट लेने वालों को 10 लाख रुपये का अलग से दुर्घटना बीमा कवर दिया जाएगा. यही नहीं रेलवे की कैटरिंग, रिटायरिंग रूम्स जैसी सुविधाओं का उपयोग करने पर डिजिटल पेमेंट करने वाले को भी 5 फीसदी की छूट दी जाएगी. परिवहन के दौरान देश भर के टोल प्लाजा पर नकद की परेशानी को भुगतने वाले वाहन चालकों को भी सभी टोल प्लाजा पर डिजिटल पेमेंट के द्वारा आरएफआइडी और फास्टैग कार्ड लेने पर 10 फीसदी की छूट दी जाएगी. गौरतलब हैं कि डिजिटल भुगतान के लिए सरकार ने हर वर्ग का ध्यान रखा हैं. बता दें कि देश में करीब 4.32 करोड़ किसान, क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करते हैं, इन सभी को नाबार्ड द्वारा रुपे कार्ड दिया जाएगा, ताकि किसान वर्ग भी डिजिटल भुगतान को अपना सके. इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए स्वाइप मशीन और माइक्रो एटीएम को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे ग्रामीण क्षेत्र में भी नकद की किल्लत दूर होगी. अब हर 10 हजार से ज्यादा आबादी वाले गांव में दो पीओएस यानी प्वाइंट ऑफ सेल लगाए जाएंगे. इसके लिए देश से करीब एक लाख गांवों चुना जाएगा. सरकार ने जीवन सुरक्षा को महत्व देते हुए उसे डिजिटल भुगतान से जोड़ते हुए सरकारी क्षेत्र की बीमा कंपनियों के कस्टमर पोर्टल से बीमा लेने पर और प्रीमियम देने पर जनरल बीमा पर 10 प्रतिशत की छूट दी हैं. इसी तरह लाइफ इंश्योरेंस पर 8 प्रतिशत की छूट मिलेगी. इसके अलावा 2000 रुपये के सभी डिजिटल लेनदेन पर सर्विस टैक्स लागू नहीं होगा. सरकार की यह कोशिश हैं कि केंद्रीय विभाग और पीएसयू सुनिश्चित करें कि ट्रांजैक्शन फीस और एमटीआर शुल्क का बोझ न पड़े. इसलिए माइक्रो, एटीएम, पीओएस टर्मिनल और मोबाइल पीओएस का किराया 100 रुपये से अधिक न हो. इस प्रकार सरकार कई तरह की राहत देकर जनता को डिजिटल भुगतान से जोड़ना चाहती हैं. नोटबंदी के चलते अब UGC कैशलेस, होगा डिजिटल ट्रांजेक्शन डेबिट कार्ड की डिटेल मांगकर महिला के खाते से निकाले हजारो रूपये