श्राद्ध की पूजा के समय ध्यान रखे ये बाते

बुधवार, 20 सितंबर को पितृ पक्ष खत्म हो रहा है,कल के दिन पितृमोक्ष अमावस्या को किए गए श्राद्ध और तर्पण से पितर देवता प्रसन्न होते हैं. हमारे शास्त्रों के अनुसार घर-परिवार के मृत सदस्य ही पितर देवता बनते हैं इसलिए श्राद्ध के महीने में इनकी आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ किया जाता है. अगर सच्चे मन से पितरो की पूजा की जाये तो ये देवता हमारी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं. आज हम आपको ऐसी कुछ बातो के बारे में बताने जा रहे है जिन्हें श्राद्ध पक्ष में ध्यान रखना चाहिए...

1-पितरो की पूजा में चांदी के बर्तन का प्रयोग बहुत अच्छा माना जाता है,ऐसा माना जाता है की चांदी के बर्तनो से पितरों को अर्घ्य देने , पिण्ड दान करने और ब्राह्मणों के भोजन करवाने से पितर प्रसन्न होते है, अगर चांदी के बर्तनो का प्रयोग संभव नहीं है तो आप कांसे या तांबे के बर्तन का उपयोग कर सकते हैं. अगर ये भी नहीं है तो पत्तल पर खाना खिला सकते हैं.

2-पितरो की पूजा में हमेशा गाय के दूध और गाय के दूध से बने घी, दही का उपयोग करना चाहिए.

3-कभी भी पितरों की पूजा ज़मीन पर बैठकर नहीं करनी चाहिए,हमेशा रेशमी, कंबल, ऊन, लकड़ी या कुश के आसन पर बैठकर श्राद्ध करना चाहिए.

4-श्राद्ध पक्ष में जब भी ब्राह्मणों को भोजन करवाए तो उनसे ये कभी ना पूछे की खाना कैसा बना है. ब्राह्मणों को हमेशा बिना टोके शांति से भोजन कराना चाहिए. ऐसा माना जाता है की ब्राम्हणो को हमेशा मौन रहकर ही खाना खिलाना चाहिए,ऐसा करने से पितर देवता भी भोजन ग्रहण करते हैं.

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