कोयंबटूर : देश में भ्रष्टाचार किस हद तक फैला हुआ है इस बात का पता तो तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित भारतियर यूनिवर्सिटी से पता चल ही जाएगा जहाँ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा गया. बता दें कि डायरेक्‍टरेट ऑफ विजिलेंस और एंटी करप्‍शन टीम ने यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. ए गणपति को 30 लाख रुपये की घूस लेते हुए पकड़ लिया. गौरतलब है कि प्रो. डॉ. ए गणपति को विजलेंस टीम जल्द ही अदालत के समक्ष पेश करेगी, फिलहाल अभी प्रो. डॉ. ए गणपति से पूछताछ की जा रही है. बता दें कि प्रो. डॉ. ए गणपति बायोटेक्‍नालॉजी डिपार्टमेंट के प्रूव प्रमुख भी रह चुके हैं. फरवरी 1982 में भारतियर यूनिवर्सिटी की स्थापना हुई थी और इसे भारतियर यूनिवर्सिटी एक्ट 1981 के तहत तमिलनाडु सरकार ने स्थापित किया था. इसके 3 साल बाद अर्थात मई 1985 में भारतियर यूनिवर्सिटी को यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) की मान्यता प्रदान की गयी थी. महान कवि 'सुब्रमनियम भारती' के नाम पर इस यूनिवर्सिटी का नाम भारतियर यूनिवर्सिटी रखा गया था और यूनिवर्सिटी को स्थापित करने के पीछे का उद्देश्य 'एजुकेशन टू एलिवेट' था. वहीँ इस भारतियर यूनिवर्सिटी के उच्च पदाधिकारी द्वारा इस तरह का कृत्य शर्मनाक है. वहीँ विजलेंस टीम का कहना है कि यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. ए गणपति के खिलाफ उचित और कड़ी कार्यवाही की जायेगी. UP के डीजी होमगार्ड सूर्य कुमार शुक्ला ने SC के आदेशों की उड़ाई धज्जियाँ मद्रास विवि: घोषित हुए UG-PG एग्जाम रिजल्ट, ऐसे देखें उम्मीदवार कानपुर: GST कमिश्नर समेत 9 को CBI ने किया गिरफ्तार