नई दिल्ली: भारत के प्रधान न्यायाधीश (CJI) धनंजय वाई. चंद्रचूड़ ने ओडिशा के 10 जिलों में वर्चुअली उच्च न्यायालय का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि प्रतिभा की कोई भौगोलिक सीमा नहीं और यह उन लोगों का 'एकाधिकार' भी नहीं है, जो महानगरों में रहते हैं। CJI ने पूरे राज्य में बार के सदस्यों से 'वर्चुअल हाई कोर्ट' के महत्व को भी समझाया। इसके साथ ही उन्होंने ओडिशा के चीफ जस्टिस की प्रशंसा की। CJI ने कहा कि दो वर्ष पूर्व किसने सोचा था कि ओडिशा के प्रत्येक जिले में हाई कोर्ट होगा। मगर, आज वर्चुअली हाई कोर्ट शुरू करके यह संभव हो सका है। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने शुक्रवार को ओडिशा में वर्चुअल हाईकोर्ट का शुभारम्भ करते हुए ओडिशा के मुख्य न्यायाधीश डॉ. एस. मुरलीधर के नेतृत्व की प्रशंसा की। CJI ने कहा कि ओडिशा हाईकोर्ट ने इंसाफ प्रदान करने के लिए तकनीक को अपनाने के क्षेत्र में खुद को 'अग्रणी' साबित किया है। CJI चंद्रचूड़ ने कहा है कि ओडिशा ने यह साबित कर दिखाया है कि आज प्रतिभा की कोई भौगोलिक सीमा उन लोगों का एकाधिकार नहीं है, जो केवल महानगरों में रहते हैं। CJI ने आगे कहा कि, 'ओडिशा उच्च न्यायलय ने रिकॉर्ड्स का डिजिटीकरण किया है, पेपरलेस कोर्ट का उद्घाटन किया, कमजोर गवाह बयान केंद्रों (VWDC) की स्थापना की है और डिजिटल रिकॉर्ड रूम (RRDC) तैयार किया है और काफी कम समय में इतना कुछ किया है। कर्नाटक में बनेंगे HAL के हेलीकाप्टर, 6 फ़रवरी को फैक्ट्री का उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी जामिया हिंसा मामले में शरजील इमाम बरी, रची थी असम को भारत से काटने की साजिश आज से शुरू हुई सुन्नी वक़्फ़ की संदिग्ध सम्पत्तियों की जांच, मिली गड़बड़ी की शिकायतें