काबुल: अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान अब अपना असली रूप दिखाने लगा है। कट्टरपंथी संगठन ने पहली बार 'आंख के बदले आंख' के जरिए सजा सुनाई है। तालिबान ने हत्या के दोषी को सरेआम फांसी दी है। कट्टरपंथी इस्लामी शासन की क्रूरता का चेहरा पहली बार इस तरह से दुनिया के सामने आया है। बता दें कि, गत माह ही तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने जजों को इस्लामिक कानून के पहलुओं को पूरी तरह से लागू करने का फरमान सुनाया था। जिसमें सार्वजनिक रूप से फांसी, पत्थरों से पीट-पीटकर हत्या, कोड़ों से पिटाई और चोरी के इल्जाम में शरीर के अंगों को काटना शामिल है। रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत की राजधानी फराह में बुधवार (7 दिसंबर) को एक अफगानी व्यक्ति को सार्वजनिक तौर पर फांसी से लटकाया गया। तालिबान प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने सार्वजनिक फांसी की बात की पुष्टि करते हुए बताया कि यह सजा 'आंख के बदले आंख' वाला इंसाफ है। एक बयान में कहा गया है कि, 'सर्वोच्च न्यायालय को हमवतन लोगों की एक सार्वजनिक सभा में शरिया कानूनों को लागू करने का निर्देश दिया गया था।' फांसी पर लटकाए गए व्यक्ति की पहचान गुलाम सरवर के पुत्र ताजमीर के तौर पर हुई है। वह वह हेरात प्रांत के अंजिल जिले का रहने वाला था। जानकारी के मुताबिक, ताजमीर ने एक व्यक्ति की हत्या की थी और उसकी बाइक और मोबाइल फोन चुरा लिया था। बयान में कहा गया है कि, 'बाद में इस व्यक्ति की शिनाख्त मृतक के परिवारवालों ने की थी।' पानी में जहर ! हिजाब विरोधी प्रदर्शन से ठीक पहले 1200 छात्र बीमार, सबको एक ही जैसी तकलीफ.. ऐतिहासिक गुरूद्वारे को 'मस्जिद' बताकर कट्टरपंथियों ने जड़ दिया ताला, सिखों के प्रवेश पर रोक महिला की कब्र से निकला बहुमूल्य खजाना, देखकर खोजकर्ता भी रह गए दंग