एमके स्टालिन ने सीएए को निरस्त करने के लिए केंद्र से प्रस्ताव किया पेश

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बुधवार को तमिलनाडु विधानसभा में एक नागरिकता विरोधी (संशोधन) अधिनियम (सीएए) प्रस्ताव पेश किया, जिसमें केंद्र सरकार से अधिनियम को निरस्त करने का आग्रह किया गया।

स्टालिन ने विधानसभा में कहा "यह अगस्त हाउस मानता है कि वर्ष 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 हमारे संविधान में निर्धारित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के अनुरूप नहीं है और भारत में व्याप्त सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी अनुकूल नहीं है।"  उन्होंने कहा, "इस देश में एकता और सांप्रदायिक सद्भाव की रक्षा और सुनिश्चित करने और भारत के संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए, यह अगस्त हाउस केंद्र सरकार से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को निरस्त करने का आग्रह करने का संकल्प करता है।"

नागरिकता संशोधन अधिनियम पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने की अनुमति देता है। विपक्षी दलों और कई समूहों ने अधिनियम के कार्यान्वयन का विरोध किया है। सीएए के विरोधियों का मानना ​​​​है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) अभ्यास के साथ मिलकर कानून का उद्देश्य भारत में अल्पसंख्यकों को लक्षित करना है।

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