चेन्नई: दो स्कूली छात्राओं द्वारा पुरुष शिक्षकों पर यौन उत्पीड़न का केस दर्ज करवाया गया। हालाँकि यह मुकदमा पुलिस जांच में फर्जी पाया गया है। जी दरअसल पुलिस का कहना है कि शिकायत बिना किसी आधार के की गई थी। इस मामले में पुलिस ने दो महिला शिक्षकों पर भी पॉक्सो एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की थी। जी दरअसल मदुरै के डीआईजी पोन्नी और एसपी शिव प्रसाद ने बताया कि उनकी जांच में यह सामने आया कि रंजिशन के तहत छात्राओं से स्कूल के प्रिसिंपल ने मुकदमा दर्ज कराया था। आपको बता दें कि पुलिस ने यह मुकदमा छह अगस्त को शिक्षकों पर दर्ज किया था और उस दौरान छात्राओं ने स्कूल की शिकायत पेटी में शिक्षकों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की लिखित शिकायत दी गई। उसके बाद प्रिसिंपल ने पुलिस से शिकायत की थी। इस मामले में बाल कल्याण समिति के सदस्यों की पूछताछ के बाद शिक्षकों के खिलाफ करूपयूरानी पुलिस स्टेशन में पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं इस मामले में एक महिला शिक्षक ने मुकदमे को झूठा बताते हुए पुलिस महानिरीक्षक अजरा गर्ग से जांच की मांग की थी। उसके बाद मदुरै के डीआईजी पोन्नी और एसपी शिव प्रसाद ने जांच की और इस जांच में यह सामने आया कि छात्राओं को झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए उकसाया गया। मस्जिद में घुसकर जला दी कुरान, जब पकड़ाया तो बोला- मैंने नहीं, मेरी आत्मा ने जलाया दूसरी तरफ इस मामले में पुलिस ने छात्राओं को न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। इसमें उन्होंने शिकायत को झूठा बताया। वहीं इसके बाद एडब्ल्यूपीएस निरीक्षक ने 11 अगस्त को पॉक्सों की विशेष अदालत में मामले में अंतिम रिपोर्ट दायर करते हुए कहा कि शिकायत फर्जी थी। इस मामले में अदालत ने इस बयान को स्वीकार करते हुए 31 अक्टूबर को केस बंद कर दिया। कोयंबटूर धमाके में बड़ा खुलासा, IS स्टाइल में शरीर को किया शेव और लिखी 'अल्लाह के घर' वाली बात स्कूल में घुसकर बदमाशों ने की ताबड़तोड़ गोलीबारी, हुआ ये हाल हिरण का शिकार कर बेचने जा रहे थे मांस, अचानक पहुंच गई पुलिस और फिर...