चेन्नईः हिंदी दिवस के अवसर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दिए गए बयान के बाद दक्षिण भारत में सियासत गरमा गई है। कई संगठनों ने शाह के बयान के विरोध में प्रदर्शऩ भी किए। दक्षिण के प्रमुख राजनीतिक नेताओं ने केंद्र को हिंदी थोपने पर आगाह किया है। इस मुद्दे पर साउथ के सुपरस्टार और अब राजनीति में सक्रिय कमल हासन ने भी तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की । उन्होंने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वह गैर हिंदीभाषी राज्यों पर हिंदी थोप नहीं सकती। इसी कड़ी में दक्षिण के एक और सुपरस्टार रजनीकांत ने भी इस मुद्दे पर अपनी बयान जारी किया है। उन्होंने ने भी इसका विरोध करते हुए कहा कि ‘हिंदी भाषा को नहीं थोपना चाहिए। तमिल सुपरस्टार ने कहा कि हिंदी को न सिर्फ तमिलनाडु बल्कि दक्षिण भारत के किसी भी राज्य में नहीं थोपा जाना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा किया गया तो दक्षिण भारत के सभी राज्य इसका विरोध करेंगे। हिंदी दिवस के मौके पर गृहमंत्री अमित शाह ने एक देश एक भाषा की वकालत की थी और हिंदी को राष्‍ट्रभाषा बनाने की बात कही थी। मालूम हो कि ससे पहले मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के संस्थापक व दिग्ग्ज अभिनेता कमल हासन ने हिंदी को थोपने के किसी भी प्रयास का विरोध करते हुए कहा था कि यह दशकों पहले देश से किया गया एक वादा था, जिसे किसी शाह, सुल्तान या सम्राट को तोड़ना नहीं चाहिए। उन्होंने एक वीडियो में कहा था कि विविधता में एकता का एक वादा है जिसे हमने तब किया था जब हमने भारत को क गणतंत्र बनाया था। अब, उस वादे को किसी शाह, सुल्तान या सम्राट को तोड़ना नहीं चाहिए। हम सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन हमारी मातृभाषा हमेशा तमिल रहेगी। शाह या सुल्तान या सम्राट टिप्पणी में स्पष्ट रूप से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर इशारा किया गया है। बता दें कि दक्षिण खासकर तमिलनाडु में हिंदी विरोध का इतिहास रहा है। बाहुबली की राजमाता की फीस सुनकर दंग रह जाएंगे आप, दक्षिण की शीर्ष अभिनेत्रियों को छोड़ा पीछे भारत में रिकॉर्ड कमाई करने वाली यह फिल्म चीन के बॉक्स ऑफिस पर गिरी औंधे मुंह 'साहो' ने अक्षय की इस फेमस मूवी के लाइफटाइम बिज़नेस को छोड़ा पीछे