वो ऐतिहासिक हिन्दू मंदिर, जिसके जीर्णोद्धार के लिए जापान ने खर्च किए करोड़ों रुपए

टोक्यो: अयोध्या में बहुप्रतिक्षित राम मंदिर निर्माण को लेकर भूमि पूजन की तैयारियां युद्धस्तर पर चल रही है और इसके लिए अयोध्या को भव्य तरीके से सजाया जा रहा है. इस भूमिपूजन को लेकर पूरी दुनिया में बसे हिंदू समुदाय के लोगों में खासा उत्साह नज़र आ रहा है. ऐसे में हम आपको उस मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारत से सैकड़ों मील दूर है, लेकिन जब ये ऐतिहासिक मंदिर जर्जर होने लगा तो जापान ने इसकी पुनरुद्धार के लिए पानी की तरह पैसा बहाया.

हम बात कर रहे हैं भारत से दूर इंडोनेशिया के एक ऐसे मंदिर की, जिसकी प्राकृतिक सुंदरता देखते ही बनती है और यह विशाल चट्टान पर बना हुआ काफी मनभावन मंदिर है. इंडोनेशिया के बाली द्वीप में स्थित तनह लोट मंदिर भी विश्व के बेहद चर्चित और ऐतिहासिक मंदिरों में शामिल है. बाली भाषा में तनह लोट का मतलब समुद्री भूमि (समुद्र में भूमि या लैंड सी) होता है. दक्षिण पश्चिम तट पर एक विशाल चट्टान पर स्थित यह मंदिर बाली द्वीप के हिंदु समुदाय की आस्था का बड़ा केंद्र हैं, और यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. 

बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 15वीं में हुआ था. यह मंदिर अपनी खूबसूरती की वजह से इंडोनेशिया के मुख्य आकर्षणों में से एक माना जाता है और बड़ी तादाद में देशी-विदेशी सैलानी इसकी स्थापत्य कला का दीदार करने आते हैं. 1980 में मंदिर की चट्टान उखड़ने लगी था, जिससे मंदिर के आसपास और भीतर का हिस्सा खतरनाक होने लगा और ऐसा लगने लगा कि समुद्र के वेग इसको तबाह कर देंगे. ऐसे में जापान सरकार ने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए सहायता करने का फैसला लिया. जापानी सरकार ने उस समय बाली के आसपास के ऐतिहासिक मंदिर और अन्य अहम स्थानों के संरक्षण के लिए इंडोनेशियाई सरकार को करीब 130 मिलियन डॉलर का कर्ज दिया. इसके बाद धीरे-धीरे मंदिर की कायापलट होने लगी और आज फिर से यहाँ सैलानियों की भीड़ जुटने लगी। 

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