'तांडव' पर 'तांडव'

15 जनवरी शुक्रवार को रिलीज हुई सैफ अली खान-डिंपल कपाड़िया की वेब सीरीज 'तांडव' को लेकर तांडव हो रहा है। इस वेब सीरीज के रिलीज होते ही यह विवादों में आ गई है। हर तरफ इस वेब सीरीज को लेकर घमासान मचा हुआ है। सोशल मीडिया पर लगातार इसे बायकॉट करने की मांग की जा रही है। ट्विटर पर #tandavban देखा जा सकता है। इस वेब सीरीज को बैन करने के लिए इसके निर्देशक से लेकर एक्टर तक पर कई FIR भी दर्ज हो चुकीं हैं। दर्शकों का कहना है हिन्दू धर्म के देवी-देवताओं का अपमान होने पर तांडव का बहिष्कार किया जाना जरुरी है। तो अब सवाल यह खड़ा होता है कि सरकार भी चुपचाप देखती रहेगी? कुछ नहीं कहेगी? आइए पहले यह जान लेते हैं किन डायलॉग्स पर मचा है बवाल। 

इन डायलॉग्स पर मचा है 'तांडव'- वेब सीरीज में अभिनेता मोहम्मद जीशान अयूब भगवान शिव बने नजर आ रहे हैं और यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहते हैं, "आखिर आपको किससे आजादी चाहिए।" इस दौरा उनके मंच पर आते ही एक मंच संचालक कहता है, "नारायण-नारायण। प्रभु कुछ कीजिए। रामजी के फॉलोअर्स लगातार सोशल मीडिया पर बढ़ते ही जा रहे हैं।" इसके अलावा एक अन्य विवादित डायलॉग तब आता है जब कॉलेज का एक युवा लड़की से कहता है, "जब एक छोटी जाति का आदमी एक ऊंची जाति की औरत को डेट करता है न तो वह बदला ले रहा होता है, सिर्फ उस एक औरत से।" इन दोनों डायलॉग्स को लेकर दर्शकों का गुस्सा फूट रहा है और तांडव को बैन करने की मांग की जा रही है।

क्या मौन रहेगी सरकार- सवाल उठता है कि आखिर ये भारत में कैसा ट्रेंड शुरू हो गया है, जो यहां के बहुसंख्यक समुदाय को हर समय नीचा दिखाने की कोशिश में लगा रहता है। कभी कोई कॉमेडियन हास्य के नाम पर बहुसंख्यकों के देवी-देवताओं का नाम लेकर अश्लीलता परोसता है, तो कभी किसी फिल्म या वेब सीरीज में उनका अपमान किया जाता है। आज से ही लगभग एक महीने पहले फ्रांस में एक टीचर का सिर केवल इसलिए धड़ से अलग कर दिया गया, क्योंकि उसने पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून दिखाया था। इस मुद्दे पर भारत में भी काफी हंगामा मचा था, लेकिन इसके कुछ ही दिनों बाद जब आंध्र प्रदेश में श्री राम की 1400 वर्ष पुरानी प्रतिमा ध्वस्त कर दी जाती है, तो सारे बुद्धिजीवी अपने मुंह में दहीं जमाकर बैठ गए। तो क्या ये मान लिया जाए हिन्दुओं की जन्मस्थली 'भारत' में ही अब उनकी आस्था की कदर नहीं बची ? आखिर क्यों सरकार भी इस तरह के मामलों पर आँखों पर पट्टी बांध लेती है ? क्या हर धर्म को सम्मान देने वाले इस देश की सरकार यहां के प्रमुख धर्म का मज़ाक उड़ते यूँ ही देखती रहेगी ? क्या सरकार हिन्दू धर्म के देवी देवताओं के अपमान से कोई मतलब नहीं रखती?

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