गांवों में पहले पीने के पानी का स्रोत बावड़ियां हुआ करती थीं। कई बावड़ियों के भूतहा होने की किवदंतियां तो आपने सुनी होंगी पर क्या आपने सुना है कि किसी बावड़ी का पानी पीते ही लोग एक—दूसरे के दुश्मन बन जाएं और उनमें लड़ाई होने लगे। ये बिल्कुल सच है, मध्यप्रदेश में ऐसी एक बावड़ी है, जिसका पानी पीते ही लोग लड़ने लगते थे। मध्यप्रदेश के श्योपुर शहर से 20 किमी दूर यह बावड़ी एक पुराने महल में बनी हुई है। इसे लोग तांत्रिक बावड़ी कहते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस बावड़ी का पानी पीने से सगे भाई में लड़ने लगते थे, बाद में राजपरिवार में जब बावड़ी का पानी पीने से ज्यादा लड़ाइयां होने लगीं, तो इस जगह को बंद कर दिया गया। इस बावड़ी के अवशेष श्योपुर के गिरधरपुर कस्बे में हीरापुर गढ़ी में मौजूद हैं। यह बावड़ी 100 वर्ग फीट में बनी हुई है और 10 फीट गहरी है। ऐसी मान्यता है कि इस कस्बे में कई जादूगर और तांत्रिक रहते थे। उनमें से एक नाराज तांत्रिक ने इस बावड़ी पर जादू—टोना कर दिया था, जिसके बाद इसका पानी शापित हो गया और उसे पीने से भाईयों में भी झगड़ा होने लगा। खाने की इस चीज से सजा है यह म्यूजियम बिन वीजा—पासपोर्ट इस रेलवे स्टेशन पर नहीं मिलेगी एंट्री सड़क या पानी तुरंत फुर्र हो जाएगी ये सुपरबाइक