रमज़ान का महीना चल रहा है और ऐसे में मुस्लिम धर्म के लोग रोजा रखते हैं. इससे उनकी मन्नतें पूरी होती हैं और जन्नत का रास्ता खोल लेते हैं. रमज़ान के समय कई ऐसी बातें होती हैं जिन्हें ध्यान में रखना पड़ता है. छोटी सी भी गलती इसमें मंज़ूर नहीं होती. नियम और कायदे कांईं के साथ ही इसे निभाना होता है. ऐसे ही कुछ नियम तरावीह की नमाज के भी होते हैं जिन्हें अपनाने होते हैं. जानते हैं इसके बारे में. दरअसल, दारुल उलूम देवबंदसे जारी हुए एक फतवे में मुकद्दस रमजान माह में तरावीह की नमाज के दौरान लाइटें बंद कर अंधेरा करने को गलत और एक रस्म करार दिया गया है. जानकारी के अनुसार मुफ्तियों ने कहा कि तरावीह की नमाज भी अन्य नमाजों की तरह लाइट जलाकर अदा की जानी चाहिए. अँधेरे में नमाज़ करना सही नहीं है. इसके अलावा मुकद्दस रमजान माह में मस्जिदों और घरों में होने वाली विशेष तरावीह की नमाज के दौरान अधिकांश लोग लाइटें बंद कर अंधेरा कर देते हैं. ऐसा करने के पीछे तर्क यह दिया जाता है कि अंधेरे होने से कुरआन-ए-करीम को ध्यान से सुना जाता है. जबकि लोगों के इस तर्क को इस्लामी तालीम के सबसे बड़े मरकज दारुल उलूम के मुफ्तियों ने खारिज कर दिया है. ये है रामज़ान के सेहरी और इफ्तारी का टाइम टेबल, जानें क्या है तरावीह नमाज हर देश में अलग तरह से मनाई जाती है रमज़ान Ramadan : वक्त के साथ बदला सहरी में 'जगाने का तरीका', पहले होता था कुछ इस तरह