लखनऊ: अयोध्या के संत IAS कोचिंग सेंटर के संचालक के ट्वीट में मां सीता एवं श्रीराम के संबंधों पर की गई अपमानजनक व्याख्या से काफी नाराज हैं। उनका कहना है कि सेकुलरिज्म का नकाब पहनकर बार बार हिन्दू देवी-देवताओं को निशाना बनाना तथा अभद्र भाषा का इस्तेमाल एक सुनियोजित साजिश है। हनुमत निवास के महंत मिथिलेश नंदिनी शरण बोलते है कि अल्पज्ञों को शास्त्रार्थ की आज्ञा नहीं है। फिर भी अलग-अलग विषयों को संदर्भ से बाहर जाकर व्याख्यायित करना वामपंथियों काशगल बन गया है। यही आचरण दोहराया जा रहा है। लामबंदी के आधार पर जबरन अपनी बात को आगे बढ़ाने का प्रयास बड़े कुचक्र का इशारा करती है। इन्हें मुंहतोड़ जवाब देना ही होगा। रामकुंज कथामंडप पीठाधीश्वर डा. रामानंद दास महाराज ने बताया कि विघटनकारी तत्व समाज को बरगलाने में लगे है। इस हालात में संत समाज को ही नेतृत्व करना होगा अन्यथा भविष्य में संकट गहराएगा तथा स्थिति विस्फोटक हो जाएगी। जगदगुरु रामदिनेशाचार्य ने भी कहा वर्णभेद व जाति भेद की वजह से हिन्दू समाज खोखला हो गया है जिसके चलते शरारती तत्व बार बार हिन्दू देवी-देवताओं की अवमानना कर चुनौती दे रहे है। रंगमहल के महंत रामशरण दास ने बोला कि देवी सीता रामान्दीय परम्परा की आचार्य है। ऐसे में उनके विद्वेष जताना अपराधिक कृत्य है। इस पर सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए। नीतीश सरकार के मंत्री के घर IT ने की ताबड़तोड़ छापेमारी, मचा हड़कंप 'आफताब को जमीन में आधा गाड़ कर पथरों से मरना चाहिए', मौलाना तौकीर रजा का बड़ा बयान 'पत्नी को अश्लील फिल्म दिखाकर करता था वैसी ही डिमांड', हैरान कर देने वाला है मामला