सामने आई टाटा कैंसर हॉस्पिटल स्टाफ की धांधली, 21 के खिलाफ दर्ज हुई FIR

मुंबई: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित टाटा अस्पताल में कैंसर का उपचार करवाने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं तथा इनमें अधिकतर लोग गरीब होते हैं। कैंसर के उपचार  के लिए उन्हें कई तरह के टेस्ट डॉक्टर लिख कर देते हैं, मगर टाटा के ही कुछ कर्मचारी प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर को फायदा पहुंचाने के लिए मरीज को डॉक्टर द्वारा लिख कर दिए गए टेस्ट प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर से करवानी की सलाह देते थे। 

कर्मचारी बोलते थे कि यह टेस्ट टाटा में नहीं होते या फिर टाटा में यदि टेस्ट किए तो रिपोर्ट आने में अधिक दिन लगेंगे, जिस वजह से उपचार में देरी हो सकती है। इस कारण पेशेंट प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर में टेस्ट करवाते थे। प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर को फायदा पहुंचाने तथा टाटा में आए मरीजों को प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटर में उपचार कराने के लिए कह कर सरकार का लाखों रुपए का नुकसान करने के लिए मुंबई पुलिस ने 21 लोगों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

मुंबई पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर उन्हें अदालत में हाजिर किया, जहां अदालत ने उन्हें 21 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है, तो वहीं मुंबई पुलिस बाकियों की तलाश कर रही है। मुंबई पुलिस ने IPC की धारा 409, 406, 420 और 120 ब के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मुंबई पुलिस के DCP प्रशांत कदम के आदेश मुताबिक, भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर सुभाष बोराटे के मार्गदर्शन में पुलिस इंस्पेक्टर पंकज घाडगे, पुलिस सब इंस्पेक्टर सूर्यकांत मैत्रे और अमित कदम की टीम द्वारा इस केस को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।  

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