नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज सुप्रीम कोर्ट को आश्वासन दिया कि वह आगामी आम चुनाव खत्म होने तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) पार्टी से लगभग 3,500 करोड़ रुपए के आयकर बकाया की वसूली के लिए कोई कदम नहीं उठाएगी। भारत के सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की अगुवाई वाली पीठ के समक्ष वचन दिया, जिसके बाद अंतरिम आदेश पारित किया गया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, "इन अपीलों में जो मुद्दे उठे हैं, उन पर अभी निर्णय होना बाकी है, लेकिन अब की स्थिति को ध्यान में रखते हुए, (आयकर) विभाग इस मामले को तूल नहीं देना चाहता है और (कहता है) कि 3500 करोड़ के टैक्स बकाए के संबंध में कोई भी कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। मामले को जुलाई के दूसरे सप्ताह में सूचीबद्ध करें।'' न्यायालय उक्त आयकर मांगों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसके बारे में एसजी तुषार मेहता ने बताया कि यह 2016 के एक फैसले पर आधारित था। एसजी मेहता ने कहा कि जबकि कांग्रेस पार्टी ने इस साल आयकर बकाया में लगभग 134 करोड़ रुपए का भुगतान किया है, पहले से निर्धारित मानदंडों के आधार पर अब 1,700 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मांग की गई है। केंद्र सरकार के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया कि लंबित बकाया की वसूली के लिए कोई भी कार्रवाई आगामी लोकसभा चुनाव के बाद तक के लिए टाल दी जाएगी। ASG ने कहा कि "चूंकि चुनाव चल रहा है और इसलिए जब तक चुनाव के बाद मामले की सुनवाई नहीं हो जाती तब तक हम राशि की वसूली के लिए कोई कार्रवाई नहीं करेंगे। कृपया इसे जून के दूसरे सप्ताह में करें, मुझे गुण-दोष के आधार पर बहुत कुछ कहना है।" केंद्र सरकार द्वारा दी गई छूट पर कांग्रेस के वकील को आश्चर्य हुआ। जिसपर न्यायमूर्ति नागरत्ना ने मौखिक रूप से कहा कि "आपको (कांग्रेस को) हर समय किसी के बारे में नकारात्मक धारणा नहीं रखनी चाहिए!" आज कांग्रेस पार्टी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, "मैं निःशब्द हो गया हूं और बहुत कम बार होता हूं।" सिंघवी ने कहा कि "27, 28, 29 मार्च को एक ब्लॉक मूल्यांकन हुआ। उन्होंने (आयकर प्राधिकरण) संपत्तियों की कुर्की से 135 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं, हम (कांग्रेस) कोई लाभ कमाने वाला संगठन नहीं हैं और केवल एक राजनीतिक दल हैं।“ जिसके बाद ASG ने कोर्ट में कहा कि "हम (आयकर अधिकारी) चुनाव खत्म होने तक कोई कठोर कदम नहीं उठाएंगे। 3,500 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया है, लेकिन हमें अभी भी इसका जवाब दाखिल करना है, ये 14, 28,29,30 मार्च से उठने वाली मांगें हैं।" एसजी मेहता ने अंततः अदालत को बताया। अदालत ने इस दलील को दर्ज किया और मामले को जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, "सॉलिसिटर जनरल की दलील दर्ज की गई है। मामले की सुनवाई अब गुण-दोष के आधार पर की जाएगी। आगे यह नोट किया गया है कि 3,500 करोड़ रुपए की मांग इन अपीलों में विवाद से सख्ती से संबंधित नहीं है और वे की गई नवीनतम मांगों पर विचार कर सकते हैं।" बता दें कि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रस्तुत याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिसमें आयकर विभाग को वर्ष 2014-15 से 2016-17 के साथ-साथ वर्ष 2017-18 से 2020-21 के लिए मूल्यांकन कार्यवाही फिर से खोलने से रोकने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने कहा था कि आयकर विभाग के पास जांच करने के लिए पर्याप्त कारण हैं। केजरीवाल नहीं दे रहे 4 iPhone का पासवर्ड, कंपनी ने भी खड़े किए हाथ, अब क्या करेगी ED ? 'छिंदवाड़ा में बेनकाब हो गए हैं कमलनाथ..', भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने बोला हमला पूर्व सीएम जयराम ठाकुर से कंगना रनौत की मुलाकात, मंडी चुनाव को लेकर हुई बात