बुधवार को टीडीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एन चंद्रबाबू नायडू ने तेदेपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई को लेकर वाईएसआरसीपी सरकार पर सवाल उठाया। उन्होंने वाईएसआरसीपी सरकार से यह भी बताने की मांग की कि कुरनूल जिले के बनगनपल्ली में टीडीपी के पूर्व विधायक बीसी जनार्दन रेड्डी और उनके अनुयायियों के खिलाफ एससी, एसटी अत्याचार के मामले क्यों दर्ज किए गए। नायडू का आरोप है कि सत्तारूढ़ दल के नेता विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए मनगढ़ंत मामले दर्ज करवाकर दुखदायी सुख प्राप्त कर रहे हैं। सरकार और पुलिस अभी भी यह नहीं बता पा रही है कि जनार्दन रेड्डी के आवास पर हमला करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया। टीडीपी प्रमुख ने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी टीडीपी नेताओं पर इन हमलों को केवल जनता का ध्यान कोरोनोवायरस संक्रमण के प्रसार को रोकने में अपने शासन की कुल विफलता से हटाने के लिए उकसा रहे थे। बता दें कि नायडू ने वाईएसआरसीपी नेताओं को चेतावनी दी थी कि वह दिन आएगा जब विपक्षी नेताओं को इस समय कई गुना नुकसान उठाना पड़ेगा। हालांकि, राज्य भर में ऑनलाइन विरोध प्रदर्शनों में भाग लेने वाले टीडीपी नेताओं ने याद किया कि कैसे जगन रेड्डी सरकार कानून का पालन करने वाले टीडीपी नेताओं को पीड़ित करने के लिए आधिकारिक तंत्र का दुरुपयोग कर रही थी। जनार्दन रेड्डी के परिवार के सदस्यों ने कहा कि वाईएसआरसीपी बनगनपल्ली विधायक कटासानी रामी रेड्डी और उनके बेटे ओबुल रेड्डी अपने अनुयायियों को तेदेपा कार्यकर्ताओं पर हमला करने और उन्हें घायल करने के लिए उकसा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हालांकि तेदेपा नेता शांत और अनुशासन बनाए हुए हैं, वाईएसआरसीपी के 'गुंडे' बहुत अजीब व्यवहार कर रहे हैं और यहां तक कि जनार्दन रेड्डी के अनुयायियों की पिटाई भी कर रहे हैं। एक बार फिर भारत के समर्थन में आए फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों कोरोना के इलाज के लिए ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने विकसित की नई दवाएं भगोड़ा कारोबारी मेहुल चौकसी गिरफ्तार, जल्द भारत के हवाले करेगी एंटीगुआ सरकार