कोलकाता: कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने 32,000 प्राथमिक शिक्षकों के रोजगार को ख़त्म करने के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. जस्टिस सुब्रत तालुकदार और जस्टिस सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ ने आज यानी शुक्रवार (19 मई) को कहा कि यह रोक अगले सितंबर तक या कोर्ट के अगले आदेश तक लागू रहेगी. जस्टिस गंगोपाध्याय ने विगत शुक्रवार को मामले पर फैसला सुनाते हुए प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया आरम्भ करने का आदेश दिया है. कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने आज अपने अंतरिम आदेश में कहा कि भर्ती प्रक्रिया आरंभ करने के जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश का पालन किया जाना चाहिए. बता दें कि, 2016 में आरंभ में कुल 42,500 की भर्ती की गई थी. इनमें से 6,500 जो प्रशिक्षित हैं (शिक्षण डिग्री या DLD वाले) हमेशा निर्विवाद हैं. बाकी 36,000 अप्रशिक्षित प्राथमिक शिक्षकों को विगत शुक्रवार को न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने निरस्त कर दिया गया था. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि यदि वे दोबारा इंटरव्यू पास करते हैं, तो उन्हें उनकी नौकरी वापस मिल जाएगी, वरना नौकरी चली जाएगी. उसके बाद सोमवार को वादियों के वकील ने अदालत में अपील की थी. बता दें कि, 2016 की शुरुआत में प्रियंका नस्कर समेत 140 नौकरी चाहने वालों ने भर्ती का मामला दाखिल किया था. उनके वकील तरुण ज्योति ने अदालत को बताया कि कई अप्रशिक्षित लोगों को इन वादियों से कम अंक मिलने पर भी नौकरी दे दी गई. इसी मामले में इंटरव्यू विवाद खड़ा हो गया. शिकायत की गई कि नियमानुसार इंटरव्यू में एप्टीट्यूड टेस्ट लिया जाना था, मगर कई मामलों में नहीं लिया गया. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने विभिन्न जिलों में इंटरव्यू लेने वालों को तलब कर गुप्त बयान भी रिकॉर्ड किए. इसके आधार पर उन्होंने कार्य निरस्त करने का आदेश दिया. प्राथमिक शिक्षा बोर्ड ने जस्टिस गंगोपाध्याय की बर्खास्तगी के आदेश को चुनौती देते हुए पहले ही हाई कोर्ट की खंडपीठ का रुख किया है. सुप्रीम कोर्ट को आज मिले दो नए जज, अब कोई पद रिक्त नहीं, वकील रहे विश्वनाथन आगे CJI बनेंगे! खालिस्तानी आतंकी अर्श डल्ला के गुर्गे अमृतपाल सिंह को लाया गया भारत, फिलीपींस में हुआ था गिरफ्तार सिद्धारमैया को कर्नाटक की कमान सौंपने से खुश नहीं कांग्रेस नेता जी परमेश्वर! हाईकमान के फैसले पर कही ये बात