नई दिल्ली: 2002 में भड़के गुजरात दंगों में झूठी और भ्रामक घटनाएं रचने के मामले में गिरफ्तार हुईं तीस्ता सीतलवाड़ केस में सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई स्थगित हो गई है। उन्हें आज शीर्ष अदालत की तरफ से जमानत नहीं दी गई है। अब गुरुवार को इस मामले में फिर सुनवाई होगी। बता दें कि, इससे पहले गुजरात की एक कोर्ट में दाखिल किए हलफनामे में गुजरात सरकार ने इस मामले को लेकर कहा था कि 2002 में हुए गुजरात दंगों से संबंधित सबूतों को गलत साबित करने के लिए तथाकथित एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ के खिलाफ दर्ज केस केवल सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही आधारित नहीं हैं। बल्कि, ये केस तो पहले से मौजूद सबूतों पर आधारित हैं। हलफनामे में कहा गया था कि अब तक की जांच में सीतलवाड़ के विरुद्ध 2002 के सांप्रदायिक दंगों से संबंधित झूठे सबूतों को गढ़ने और गलत साबित करने का प्रथम दृष्टया मामला भी सामने आया है। जांच में FIR की सामग्री को प्रमाणित करने के लिए कई ठोस सबूत, अकाट्य सामग्री के रूप में रिकॉर्ड में शामिल किए गए हैं। गुजरात सरकार ने शीर्ष अदालत में दाखिल तीस्ता सीतलवाड़ की याचिका पर कहा है कि अब तक की गई जांच में FIR को जायज ठहराने के लिए उस सामग्री को रिकॉर्ड में लाया गया है, जो स्पष्ट करती है कि आवेदक (तीस्ता सीतलवाड़) ने सियासी, आर्थिक और अन्य भौतिक लाभ प्राप्त करने के लिए अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ मिलकर साजिश को अंजाम देकर कई तरह के आपराधिक कृत्य किए थे। आधे घंटे तक नहीं खुला एम्बुलेंस का दरवाजा, अंदर ही मर गया घायल शख्स भारत के 9 राज्यों में अल्पसंख्यक हो गए हिन्दू.., लेकिन नहीं मिला दर्जा JNU के रेक्टर अजय दुबे ने पद से दिया इस्तीफा, लगे थे घोटाले के आरोप