नई दिल्ली: 2019 लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होने वाला है और इससे पहले सभी पार्टियां चुनाव प्रचार में पूरी ताक़त झोंक रहे हैं. वहीं, बंगाल में हुई हिंसा के बाद निर्वाचन आयोग ने जो फैसला लिया है उससे विपक्ष पार्टियां बेहद नाराज हैं. वह निर्वाचन आयोग के फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं. निर्वाचन आयोग ने फैसला किया है कि बंगाल में चुनाव प्रचार निर्धारित वक़्त से 19 घंटे पहले ही थम जाएगा. इस फैसले पर पूरे देश के विपक्षी दल के नेता विरोध जता रहे हैं. बिहार में भी महागठबंधन के नेता निर्वाचन आयोग के फैसले को गलत बता रहे हैं. साथ ही निर्वाचन आयोग को भाजपा का प्रकोष्ठ कह रहे हैं. तेजस्वी ने इस मामले में कहा कि निर्वाचन आयोग भाजपा का प्रकोष्ठ बन गया है. इसलिए वह उनके मुताबिक सभी फैसले ले रहा है. उन्हें कैसे लाभ पहुंचाया जाए उसी तरीके से कार्य किया जा रहा है. महागठबंधन के सहयोगी दल हम पार्टी के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने कहा है कि वह पहले से ही निर्वाचन आयोग के सभी कार्यक्रमों के सम्बन्ध में कह रहे हैं कि यह सिर्फ एनडीए को लाभ देने के लिए किया जा रहा है. निर्वाचन आयोग ने चुनाव के लिए इतना लंबा समय भाजपा को खुश करने के लिए निर्धारित किया है. प्रथम चरण के चुनाव में छठ पर्व होने के कारण से गरीब लोगों ने वोटिंग नहीं की है. ऐसे में निर्वाचन आयोग ने गलत फैसला लिया और अभी भी चुनाव आयोग भाजपा को लाभ पहुंचाने का कार्य कर रही है. ममता बनर्जी के बिगड़े बोल, अमित शाह को कहा गुंडा, पीएम मोदी को बताया झूठा और बेशर्म ममता के बचाव में उतरी मायावती, कहा बंगाल की सीएम को निशाना पीएम को शोभा नहीं देता राहुल बाबा के परिवार ने 55 साल किया राज, लेकिन गरीब को नहीं दिया मुफ्त इलाज - अमित शाह