पटना: बिहार की राजनीति के दो बड़े दावेदारों के उत्तराधिकारी अपने पिता की विरासत को विस्तार देने की मुहिम शुरू कर दी है. विधानसभा चुनाव दोनों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. कामयाब हुए तो खुला आसमान मिल सकता है. चूक गए तो पिता की उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा. राष्‍ट्रीय जनता दल के आने वाले वक़्त तेजस्वी यादव के पिता लालू प्रसाद यादव और लोक जनशक्ति पार्टी प्रमुख चिराग पासवान के पिता रामविलास पासवान को जेपी आंदोलन की उपज कहा जा रहा है. दोनों एक साथ बढे और हर तरफ फ़ैल गए. उनके पुत्रों के भी पलने और फैलने का वक़्त भी एक ही है. क्यारियां अलग-अलग हैं, किंतु मिट्टी, मौसम और मुहूर्त में कोई खास अंतर् नहीं है. पिता की पाठशाला से निकल सीधे कर्मशाला कर गए प्रस्थान: राजनीति में आने और छाने के लिए न तो तेजस्वी को मेहनत करना पड़ा पिता की पाठशाला से निकलकर सीधे कर्मशाला की ओर निकल गए लगभग हम उम्र हैं और अविवाहित भी. राजनीती से पहले उन्होंने मॉडलिंग भी की है. तेजस्वी को क्रिकेट से बहुत ही लगाव था चिराग फिल्मों में किस्मत आजमा रहे थे. अब दोनों की राजनीति कशमकश के पड़ाव से गुजर रहे है. वजूद आमने-सामने है. लालू की जमीन पर तेजस्वी के पैर, चिराग के पीछे पासवान: मिली जानकारी के अनुसार तेजस्वी RJD के 80 विधायकों को नेतृत्व कर रहे हैं तो चिराग 6 सांसदों वाली पार्टी की बागडोर अपने हाथों में ले चुके है. तेजस्वी के पैर लालू की जमीन पर हैं तो चिराग के लिए भी पासवान ने सारी कायनात को अनुकूल किया जाने वाला है. आगे का सफर दोनों को खुद तय कर दिया है. डोनाल्ड ट्रंप दोबारा बन सकते है अमेरिका के राष्ट्रपति, चुनावी प्रचार को लेकर बोली यह बात अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों का नहीं होगा वीजा रद्द इस दिन संयुक्त राष्ट्र में गूंजेगी पीएम मोदी की आवाज