पटना: बिहार में विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने प्रदेश में सियासी तौर पर अहम भूमिहार समुदाय के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए मंगलवार को आक्रामक रुख दिखाया। उनका यह प्रयास अपनी पार्टी के जनाधार को बढ़ाने के लिए की गई थी, जिसकी पहचान मुख्य रूप से मुस्लिम-यादव संयोजन के साथ की जाती है जो तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद यादव ने आरम्भ की थी। बता दे कि तेजस्वी भूमिहार ब्राह्मण एकता मंच की तरफ से आयोजित किए गए परशुराम जयंती समारोह में बोल रहे थे। इस समारोह में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रभारी भक्त चरण दास सहित कई अन्य सीनियर नेता भी सम्मिलित हुए। इस समारोह के चलते तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी पार्टी एक दुर्भावना वाले अभियान का शिकार रही है कि हम कुछ निश्चित जाति समूहों का विरोध करते हैं तथा अन्य को फायदा पहुंचाते हैं। वही ब्राह्मणों की उप जाति भूमिहार की आबादी सबसे अधिक बिहार में हैं, जहां उनका जबरदस्त सियासी तथा आर्थिक दबदबा है। मंडल युग समाप्त होने के पश्चात् उनके दबदबे में कमी आई जिसके चलते उन्हें नाराज माना जाता है। इसी के चलते लालू प्रसाद यादव तथा उनके प्रतिद्वंद्वी नीतीश कुमार जैसे OBC नेताओं का उदय हुआ था। नीतीश कुमार बीते डेढ़ दशक से ज्यादा वक़्त से सीएम के पद पर बने हुए हैं। उन्होंने सत्ताधारी NDA में कलह की बातों का सांकेतिक तौर पर उल्लेख किया तथा सीएम एवं विधानसभा स्पीकर विजय कुमार सिन्हा के बीच हुए विवाद का जिक्र किया। उन्होंने बोला कि बिहार या किसी अन्य प्रदेश के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है कि विधानसभा के स्पीकर का इस प्रकार अपमान हुआ हो। सिन्हा स्वयं भूमिहार ब्राह्मण हैं। हालांकि, तेजस्वी ने नीतीश या सिन्हा की जाति का उल्लेख नहीं किया। बचपन को याद कर रो पड़े CM योगी, यहां देंखे VIDEO 'मां का लिया आशीर्वाद, गुरु को दी दक्षिणा', कुछ ऐसे 28 साल बाद पैतृक घर में गुजरी CM योगी की रात '5 साल सरकार चलाने के बाद जली दिमाग की बत्ती..', बिजली संकट को लेकर सीएम योगी पर अखिलेश का तंज