पटना : पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में भले ही भाजपा को जनादेश नहीं मिला हो परन्तु बिहार में जदयू - भाजपा के गठबंधन को हरा पाना आसान नहीं है। इसी वजह से तेजस्वी यादव के नेतृत्व में 2019 के रण की तैयारियों में जुटे राजद नेता पार्टी के मुखिया लालू प्रसाद यादव के तौर-तरीकों को आत्मसात करने में जुटे हुए हैं। जानकारी के लिए बता दे की तेजस्वी यादव ने पार्टी की पूरी कमान संभाली हुई है। उन्होंने दिल्ली से लेकर पटना तक विपक्ष की राजनीति में अलग पहचान भी बना ली है लेकिन मैदान में जाने से पहले प्रचार से लेकर विचार तक हर मोर्चे पर लालू के नाम को आगे किया जा रहा है। हालिया चुनावी नतीजों ने गठबंधन के घटक दलों को जितना उत्साहित किया है उससे कहीं ज्यादा प्रशांत किशोर की सक्रियता ने परेशानी में डाल दिया है। इसका हालिया उदाहरण पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में जदयू की जीत है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार राजद की राह में प्रशांत किशोर सबसे बड़े रोड़ा बने हुए नजर आ रहे हैं। वही भाजपा-जदयू की तरह राजद का संगठनात्मक ढांचा व्यवस्थित नहीं है। बूथ स्तर की मजबूती के मामले में वह दूसरों से कहीं ज्यादा आगे है। हर गांव और बूथ पर राजद के लोग हैं। इनकी संख्या को पार्टी का नेतृत्व बढ़ाकर कम से कम 20 करना चाहता है। पटना में मिले सीएम योगी और नितीश, तेजस्वी ने छोड़ा ट्विटर तीर विधानसभा चुनावों के नतीजे पर बोले नवीन पटनायक, कहा जनता का मूड बता रहे हैं परिणाम प्रशांत किशोर खुद को साबित करने की पहली परीक्षा में हुए पास