पटना: सोशल मीडिया पर मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ अभद्र टिपण्णी करने वालों पर नकेल कसने के बाद अब बिहार सरकार अकारण बवाल करने वालों पर भी लगाम लगाने की तैयारी में है. बिहार के DGP ने राज्य की विधि व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए एक पत्र लिखा है कि, जिसमें उन्होंने इस बात कि चर्चा की है, कि ऐसे लोग जो अकारण सरकार या सरकारी तंत्र के खिलाफ किसी प्रकार का हिंसक प्रदर्शन करते पाए गए या उसमें शामिल हुए, तो उन्हें सरकारी नौकरी और ठेके से वंचित कर दिया जाएगा. वहीं, नीतीश सरकार के इस नए फरमान पर राजद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी ने हमला बोला है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे हैं नीतीश कुमार, वे कहते हैं यदि किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का इस्तेमाल किया, तो आपको सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी. मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी जाहिर नहीं करने देंगे. बेचारे 40 सीट के सीएम कितना डर रहे हैं. इस आदेश के बाद राजद ने भी सीएम नीतीश पर निशाना साधा है. राजद ने एक आधिकारिक ट्वीट में कहा कि तानाशाही सीएम नीतीश कुमार को बिहार में सजग, जागरूक और मुखर नागरिक नहीं चाहिए, केवल गुलाम कठपुतली चाहिए. अदालत को ऐसे मूल अधिकारों पर कुठाराघात करने वाले निर्देशों का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए. रिहाना के बाद किसानों के समर्थन में उतरी पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग, ट्वीट कर कही ये बात विधानसभा चुनाव से पहले 7 फरवरी को हल्दिया में रैली को संबोधित करेंगे पीएम हिंसक प्रदर्शनों में शामिल होने वालों को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, नितीश सरकार का आदेश जारी