पटना : लगता है बिहार की महागठबंधन सरकार में बर्तन खटकने के स्वर सुनाई देने लगे हैं. नीतीश कुमार से मंत्रिमंडल के अन्य सदस्यों की दूरियां बढ़ती नजर आ रही है. इसका खुलासा तब हुआ जब शुक्रवार को जब नीतीश कुमार की बुलाई कैबिनेट बैठक में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप, शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी समेत कई मंत्री गैर हाजिर रहे. बता दें कि ये बैठक पंचायती राज व्यवस्था में सुधार के मामले पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी. गौरतलब है कि नीतीश कुमार कैबिनेट की बैठक 11.30 बजे होनी थी, जिसमें पंचायती राज व्यवस्था पर चर्चा होनी थी. इसमें तेजस्वी यादव और तेज प्रताप दोनो को आना था, लेकिन आखिरी क्षणों में कार्यक्रम बदल दिया गया. शिक्षा मंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चौधरी भी मीटिंग में नहीं पहुंचे. भले ही लालू यादव सबकुछ ठीक होने का दावा कर रहे हों लेकिन हाल के दिनों में जेडीयू-आरजेडी के नेताओं के बीच बयानबाजी से तल्खी खुलकर सामने आ गई है. बता दें कि इन मंत्रियों की कैबिनेट बैठक से गैरहाजिरी को एक चैनल द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन से भी जोड़ा जा रहा है, इसके अलावा बिहार में आर्ट्स टॉपर से सवाल पूछकर परीक्षा व्यवस्था में गड़बड़ियों का भी खुलासा किया था. यहां सवाल ये भी उठता है कि कहीं इन खुलासों पर सवालों से बचने के लिए तो ये मंत्री कैबिनेट बैठक से दूर नहीं रहे. आबकारी मंत्री अब्दुल जलील मस्तान भी बैठक में नहीं पहुंचे. स्मरण रहे कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब बिक्री और नशे के जारी धंधे का खुलासा स्टिंग ऑपरेशन में किया था. जबकि जेडीयू नेता शरद यादव ने बिहार में शराब और नशे की बिक्री को खारिज कर दिया. यह भी देखें बिहार स्कूल लेवल एग्जाम के टॉपर को लेकर फिर उठे सवाल बिहार में स्कूलों का परिणाम कमतर आने पर सुशील मोदी ने बताया CM नीतीश को जवाबदार