हैदराबाद: रविवार को तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को अपने बच्चों के मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के लिए सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए तथा रामायण जैसे महाकाव्यों को पढ़ना आरम्भ कर देना चाहिए. तेलंगाना की राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन एक स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं भ्रूण चिकित्सक भी हैं. RSS से जुड़े संवर्धनी न्यास संगठन के समारोह 'गर्भ संस्कार' के चलते उन्होंने ये टिप्पणी की है. इस कार्यक्रम के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को वैज्ञानिक एवं पारंपरिक नुस्खों के माध्यम से बच्चों को जन्म देने से संस्कारी एवं देशभक्त बनने की उम्मीद की जाती है. समृद्धिनी न्यास, राष्ट्र सेविका संघ का एक हिस्सा है. सूत्रों के मुताबिक, चिकित्सकों के नुस्खे में भगवद गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को पढ़ना, संस्कृत मंत्रों का जाप एवं योग का अभ्यास करना सम्मिलित है. इसे पूर्व-गर्भाधान से प्रसव तक और यहां तक कि बच्चे के दूसरे साल तक पालन करने के लिए डिजाइन किया गया है. समारोह गर्भवती माताओं के परिवार के सदस्यों को मार्गदर्शन भी प्रदान करता है. इस समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि गांवों में हमने गर्भवती माताओं को रामायण, महाभारत एवं अन्य महाकाव्यों के साथ-साथ अच्छी कहानियां पढ़ते देखा है. विशेष तौर पर तमिलनाडु में यह धारणा है कि गर्भवती महिलाओं को कम्बा रामायण के सुंदरकांडम को सीखना चाहिए. सुंदरराजन के अनुसार, गर्भावस्था के चलते "सुंदरकांड" का जाप करना शिशुओं के लिए फायदेमंद होगा. सुंदरकांड हिंदू महाकाव्य, रामायण का एक अध्याय है, जो भगवान बजरंगबली के कारनामों एवं उनकी निस्वार्थता, शक्ति और प्रभु श्री राम के प्रति समर्पण को दर्शाता है. सुंदरराजन, पुडुचेरी के लेफ्टिनेंट गवर्नर के तौर पर भी काम कर रही हैं. उन्होंने कहा कि जहां वैज्ञानिक दृष्टिकोण गर्भावस्था के चलते जटिलताओं को रोकने पर ध्यान केंद्रित करता है, वहीं एक समग्र दृष्टिकोण स्वस्थ बच्चों के जन्म में योगदान दे सकता है. इंद्रेश कुमार बोले- 'पहचान छिपाकर प्रेम धोखा है' तो पंकजा मुंडे ने दिया जवाब- 'लव इज लव' चीन ने फिर छेड़ी परमाणु हथियारों की जंग, केवल एक वर्ष में लाए इतने वेपन आखिर क्या है मानव के जीवन में संगीत का महत्त्व