नई दिल्लीः केंद्र सरकार कर्ज के बोझ से दबी सरकारी क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी BSNL और MTNL को दोबारा खड़ा करने पर काम शुरू कर दिया है। इस संबंध में टेलिकॉम विभाग ने कैबिनेट को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें दोनों कंपनियों के पुनरोद्धार के लिए 74,000 करोड़ रुपये लगाने का प्लान है। इनमें से 22,000 करोड़ रुपये 4जी स्पेक्ट्रम और स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। एक आधिकारिक सूत्र ने कल यानि मंगलवार को कहा कि दूरसंचार विभाग (DoT) का कदम MTNL और BSNL के पुनरुद्धार की उच्च स्तरीय समिति की नियुक्ति के बाद आया है। BSNL और MTNL के पुनरुद्धार के लिए दूरसंचार मंत्रालय की ओर से भेजा गया फैसला इस महीने कैबिनेट के पास जाएगा, जिसमें वित्त मंत्रालय सहित सभी मंत्रालयों की राय शामिल होगी। इसमें कई अन्य मंत्रालयों की ओर से दिए गए प्रश्नों, जवाबों और टिप्पणियों के लिए नोडल मंत्रालय की प्रतिक्रिया भी शामिल होगी। सूत्र ने बताया कि कैबिनेट ने DoT को वित्त मंत्रालय की ओर से उठाए गए मुद्दों पर गौर करके उस पर जवाब देने के लिए कहा था। उसने बताया कि जब कैबिनेट सचिवालय इसे अपने एजेंडे में शामिल करेगा तो हम प्रस्ताव भेज देंगे। सूत्र के अनुसार, कुल पैकेज 74,000 करोड़ रुपये का है। जिसमें से 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन निधि 22,000 करोड़ रुपये (बीएसएनएल के लिए 16,000 करोड़ रुपये और एमटीएनएल के लिए 6,000 करोड़ रुपये) होगी। जबकि बची हुई राशि वीआरएस के लिए होगी, जिसका वहन कंपनियां करेंगी। बता दें कि सरकार कर्ज में दबी इन दोनों कंपनियों का विलय करने पर भी विचार कर रही है। पीयूष गोयल ने कारोबारी समझौते आरसीईपी को लेकर उद्योग जगत को दिया यह भरोसा बैंकिग संकट पर सरकार को नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी की सलाह से कांग्रेस सहमत नहीं एयरपोर्ट के विकास कार्यों के लिए सरकार उठाने जा रही है ये कदम